भगवान भरोसे चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र, खतरे में नौनिहालों की जिदगी
मधुबनी । प्रखंड के बलनी मेंहथ पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं विद्यालयों में कार्य संस्कृति का घोर अभाव है।
मधुबनी । प्रखंड के बलनी मेंहथ पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं विद्यालयों में कार्य संस्कृति का घोर अभाव है। जागरण ने मंगलवार को इसकी पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई। केन्द्र संख्या 72 नारायणपुर गांव में संचालित है। यह केंद्र एक पोखर के किनारे झोपड़ीनुमा दालान में चल रहा है। दालान भी ऐसा कि इसके एक कोने में भगवान शिव की मूर्तियां विराजमान हैं जहां पढ़ रहे बच्चे के बीच वहां के आम नागरिक भगवान शिव का जलाभिषेक व पूजन भी करते हैं। करीब साढ़े ग्यारह बजे उक्त केन्द्र पर न तो सेविका थी और न सहायिका। मात्र तीन छोटे-छोटे बच्चे अपने खेल में व्यस्त थे। कुछ ही देर में सेविका मुन्नी कुमारी व सहायिका सीता देवी वहां पहुंची। कहने लगीं कि पोषाहार बंद है। क्या करें, बच्चे आते ही नहीं है। यह पूछने पर कि पोखर किनारे यह केन्द्र अवस्थित है। आप दोनों के नहीं रहने पर बच्चों के साथ कोई दुर्घटना हो सकती है, कोई समुचित जवाब नहीं मिल सका। यहां न तो कोई रजिस्टर दिखा और न ही कोई बोर्ड ही दिखा। केन्द्र संख्या 67 पर मात्र आठ बच्चे उपस्थित थे और सहायिका रीता देवी मौजूद थीं। कुछ देर बाद घर से निकलकर सेविका आई। वह भी पोषाहार न होने की बात कहने लगीं। उत्क्रमित मध्य विद्यालय नारायणपुर में पूरे परिसर एवं विद्यालय कक्ष में गंदगी का अंबार लगा था। सीडीपीओ रजनी कुमारी ने बताया कि प्रखंड सात सेक्टर में बंटा है। मात्र दो महिला पर्यवेक्षिका के कारण निगरानी नहीं हो पा रही है। प्रयास है कि बेहतर व्यवस्था हो। इधर, बीईओ ने बताया कि वे उक्त विद्यालय का दौरा कर उचित समाधान करेंगे।
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