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बकरीद आज, बाजारों में रही रौनक

मधुबनी । ईद उल अजहा (बकरीद) आज मनाई जाएगी। इसको लेकर बाजार में देर शाम तक चहल-पहल बनी रही। बकरीद की खरीदारी को लोग बाजार में जुटे रहे।

By JagranEdited By: Tue, 20 Jul 2021 10:59 PM (IST)
बकरीद आज, बाजारों में रही रौनक
बकरीद आज, बाजारों में रही रौनक

मधुबनी । ईद उल अजहा (बकरीद) आज मनाई जाएगी। इसको लेकर बाजार में देर शाम तक चहल-पहल बनी रही। बकरीद की खरीदारी को लोग बाजार में जुटे रहे। घरों में भी तैयारियां चलती रही। कोरोना गाइडलाइंस के कारण ईदगाह व मस्जिदों में नमाज पढ़ने पर पाबंदी को लेकर लोग घरों में ही नमाज पढ़ेंगे। ईदगाहों में मेला का आयोजन नहीं होगा। पर्व की रौनक घरों तक सीमित रहेगी। बकरीद के दिन नमाज अदा कर सलामती की दुआ की जाएगी।

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कुर्बानी के लिए 15 से 25 हजार रुपये तक का बकरा :

कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-जुहा (बकरीद) पर कुर्बानी के लिए लोग बकरे वालों के घर पहुंचकर बकरों की खरीदारी करते रहे। बकरीद पर इस वर्ष बकरे की कीमत 15 से 25 हजार रुपये रही। शहर के सफदर अली ने बताया कि एक माह पूर्व 15 हजार रुपये में बकरे की खरीदारी की है। वहीं, मो. राशिद ने बताया कि कुर्बानी के लिए इस वर्ष 18 हजार रुपये में बकरे की खरीदारी की है।

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'बकरीद पर्व त्याग की सीख देती है। इस दिन सुबह नमाज अदा करेंगे। घरों में ही नमाज अता कर अल्लाह से सभी के लिए दुआ मांगी जाएगी। बकरे की कुर्बानी दी जाएगी।

- मौलाना अब्दुल्लाह कासमी

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'बकरीद को कुर्बानी त्याग के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इस दिन बकरे की कुर्बानी देते हैं। मुसलमान बकरीद के दिन अपने पाले हुए जानवर की कुर्बानी देते हैं।'

- अताउर रहमान अंसारी

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'बकरीद कुर्बानी का पर्व है। इस दिन कुर्बानी करते है। गोश्त रिश्तेदारों, जरूरतमंदों में बांटते हैं। बकरे के अलावा ऊंट या भेड़ की भी कुर्बानी देते हैं। अपने बच्चे की तरह पाले गए जानवर की कुर्बानी देनी चाहिए।'

- हाजी मो. शफीक

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'बकरीद पर कुर्बान किए गए जानवर के गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं। एक हिस्सा अपने परिवार के लिए, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों, दोस्तों और तीसरा हिस्सा गरीब, जरूरतमंदों को दिया जाता है।'

- मो. सैफुद्दीन