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Ayodhya Ram Mandir : श्रीराम के चित्र बना रहीं मुस्लिम महिलाएं, दुनिया कह रही सीता स्वयंवर, धनुष-यज्ञ और वनवास वाली भेजिए...

Ayodhya Ram Mandir and Madhubani paintings बिहार के मधुबनी जिले के मदनपुर मंगरौनी और चकहद सहित अन्य गांवों की 100 से अधिक मुस्लिम महिलाएं श्रीराम और उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों पर आधारित मधुबनी पेंटिंग बना रही हैं। वे बताती हैं कि पहले कुल बिक्री में 20 प्रतिशत राम से जुड़ी पेंटिंग होती थी जबकि अब यह 90 प्रतिशत तक मांग पहुंच गई है।

By Kapileshwar Sah Edited By: Deepti Mishra Updated: Thu, 11 Jan 2024 08:25 PM (IST)
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मुस्लिम महिलाएं मधुबनी पेंटिंग में उकेर रहीं श्रीराम-जानकी। तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक
कपिलेश्वर साह, मधुबनी। दुनिया भर में मधुबनी पेंटिंग की बढ़ती मांग को देखते हुए मुस्लिम महिलाओं का रुझान भी इसके प्रति बढ़ा है। ये महिलाएं श्रीराम-जानकी से जुड़े प्रसंगों को भी मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से प्रस्तुत कर रही हैं। सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ, माता सीता की विदाई, राम वन गमन आदि प्रसंगों को दिखा रही हैं। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए इस तरह की पेंटिंग की मांग बीते दो माह में चार गुना तक बढ़ी है।

जिले के मदनपुर, मंगरौनी और चकहद सहित अन्य गांवों की 100 से अधिक मुस्लिम महिलाएं व युवतियां मधुबनी पेंटिंग से जुड़ी हैं। ये श्रीराम-जानकी के अलावा राधा-कृष्ण, गणेश व शिव-पार्वती सहित अन्य देवी-देवताओं की भी पेंटिंग बनाती हैं।

जिले के कई मंदिरों के बाहरी परिसर पर भी देवी-देवताओं की छवि उकेरी है। इन कलाकारों की ओर से बेनीपट्टी उच्च विद्यालय, बाबूबरही प्रखंड के भूपट्टी परियोजना उच्च विद्यालय के अलावा कई प्राइवेट विद्यालयों में भी मधुबनी पेंटिंग की गई है। विद्यालयों की दीवारों पर गुरुकुल परंपरा में ऋषि-मुनियों की छवि उकेरी गई है।

मधुबनी क्राफ्ट शोरूम के संचालक प्रो. महेंद्र लाल कर्ण ने बताया कि पहले प्रतिमाह बिकने वाली 100 पेंटिंग में से महज 20 ही भगवान श्रीराम-सीता के जीवन से जुड़ी होती थी। दिसंबर से इसकी संख्या 80 हो गई है।

'राम नाम के आ रहे ऑर्डर'

मदनपुर की नाजमी खातून, मंगरौनी की अजमतुन्निसा, शमा परवीन और गुलाबशाह शहजादी ने बताया कि श्रीराम से संबंधित पेंटिंग की मांग बढ़ी है। दिसंबर से अब तक तीन लाख रुपये से अधिक धनराशि की सिर्फ श्रीराम के जीवन पर आधारित प्रसंगों पर बनी पेंटिंग्‍स का आर्डर आया है।

वह बताती हैं कि 22 जनवरी तक राम से जुड़ी पेंटिंग के पांच लाख से अधिक की बिक्री होगी। पहले कुल बिक्री में 20 प्रतिशत राम से जुड़ी पेंटिंग होती थी, जबकि यह 90 प्रतिशत तक है। रोशन खातून, आयशा, निकहत परवीन ने बताया कि पेंटिंग से प्रतिमाह 20 से 30 हजार की आमदनी हो जाती है।

प्रशिक्षण और प्रोत्साहन की सुविधा

हस्तशिल्प विभाग के तहत कार्य करने वाली मधुबनी फोक पेंटिंग प्रोड्यूसर कंपनी मुस्लिमों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है। कंपनी के निदेशक रवींद्र कुमार चौधरी ने बताया कि बीते पांच वर्षों में मधुबनी पेंटिंग के प्रति मुस्लिम महिलाओं का रुझान बढ़ा है।

हस्तशिल्प विभाग मधुबनी के सहायक निदेशक बीके झा का कहना है कि मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता है। इसका प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का काम किया जाता है।

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