Bihar News: कलेक्ट्रेट में SP कर रहे थे क्राइम पर चर्चा, बाहर सरकारी गाड़ियों का कट गया चालान, फिर तो ऐसा मचा बवाल कि...
मधुबनी में बैठक में शामिल होने आए पदाधिकारियों के वाहन के चालान कटने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि वाहन समाहरणालय के बाहर सड़क के दोनों किनारे कतारबद्ध लगे हुए थे। इसी बीच परिवहन विभाग के अधिकारी वहां पहुंच चार पहिया वाहनों के चालान काटने लगे। इसके बाद सरकारी वाहनों का चालान देखकर अधिकारी चौंक गए।
जागरण संवाददाता, मधुबनी। सड़क पर वाहन लेकर चलने वाले आम लोगों का चालान काटते अक्सर थाने के पुलिस पदाधिकारी को देखा जाता है। लेकिन क्या कभी पुलिस पदाधिकारीयों के वाहन का चलान कटते आपने देखा है। जी, हां शहर में अभी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है।
सोमवार को समाहरणालय के सभा कक्ष में एक ओर जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा जिला राजस्व समन्वय समिति की बैठक कर रहे थे।
वहीं दूसरी ओर अपने कार्यालय कक्ष में पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार जिले के सभी थानाध्यक्षों, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व अन्य वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ क्राइम मीटिंग कर रहे थे। बैठक में शामिल होने के लिए सभी पदाधिकारी सरकारी व निजी चार पहिया वाहनों से समाहरणालय पहुंचे थे।
समाहरणालय में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा नहीं
समाहरणालय परिसर में चार पहिया वाहनों के पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। समाहरणालय के वाहनों का ही उसमें पार्किंग हो पाता है।
ऐसी स्थिति में जिले के पांच अनुमंडल के अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी, 40 थानों के पुलिस पदाधिकारी तथा सभी 21 प्रखंडों के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी जब कभी एक साथ बैठक में शामिल होने आते हैं। उस वक्त वाहनों के पार्किंग की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
जमकर हुआ हंगामा
सोमवार को जब सभी पदाधिकारी बैठकों में शामिल थे। उस वक्त उनके चार पहिया वाहन समाहरणालय के बाहर सड़क के दोनों किनारे कतारबद्ध लगे हुए थे। इसी बीच परिवहन विभाग के अधिकारी वहां पहुंच चार पहिया वाहनों के चालान काटने लगे।
इसी क्रम में नरहिया व पतौना ओपी सहित तीन थाना तथा प्रखंड व अंचल स्तरीय अधिकारियों के वाहन का चालान काट दिया गया। क्राइम मीटिंग समाप्ति के उपरांत जैसे ही पुलिस पदाधिकारी वाहन के पास पहुंचे चालान कटा देख वह चौंक गए।
वहीं अन्य वाहनों का चालान काट रहे परिवहन विभाग के कर्मियों के साथ काफी गहमा- गहमी बहस होने लगी। कुछ देर के लिए सड़क पर काफी भीड़ जमा हो गई। पुलिस पदाधिकारीयों के कड़े तेवर देख परिवहन विभाग के कर्मी वहां से चुपचाप निकल गए।
दिन भर चर्चा होती रही
वहीं उक्त घटना के बाद शहर में दिन भर इसी बात की चर्चा होती रही। पुलिस पदाधिकारी का कहना था कि पार्किंग की सुविधा नहीं रहने के कारण बैठक में शामिल होने के लिए आने पर वह अपनी गाड़ी कहां लगाएंगे।
ऐसे में परिवहन विभाग के कर्मियों को भी यह देखना चाहिए था। की सरकारी विभाग के पदाधिकारी के वहां का चालान काटना चाहिए कि नहीं।
सरकारी वाहनों की पार्किंग के लिए एक- दो जगह को चिन्हित किया गया है। सरकारी वाहनों के पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।-अरविन्द कुमार वर्मा, जिलाधिकारी मधुबनी
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