भूल जाइए शोर-शराबा चले आइए मधुबनी के 'अर्बन हाट', शांत वातावरण के बीच यहां मिलेगा मिथिला के खाने का स्वाद
Mithila Urban Hat बिहार सरकार की ओर से इस वर्ष जनवरी में शुरू किया गया अर्बन हाट दूसरे प्रदेश के लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। इससे लोगों को रोजगार तो मिला ही है यहां की आर्थिकी भी बदल रही है। मिथिला अर्बन हाट में प्रवेश करते ही ग्रामीण व आधुनिक व्यवस्था के मिश्रण से तैयार अद्भुत संसार दिखता है।
मधुबनी पेंटिंग करती है आकर्षित
मिथिला अर्बन हाट में प्रवेश करते ही ग्रामीण व आधुनिक व्यवस्था के मिश्रण से तैयार अद्भुत संसार दिखता है। मिट्टी की दीवार, उसपर बनी मधुबनी पेंटिंग आकर्षित करती है।मिथिला के सांस्कृतिक कार्यक्रम से रोजगार
स्थानीय कलाकारों को रोजगार मिले, इसके लिए यहां प्रत्येक रविवार मिथिला के लोकगीत, नृत्य से जुड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है। यहां 50 स्टाल स्थानीय कलाकारों को निशुल्क उपलब्ध कराए गए हैं, जहां मधुबनी पेंटिंग, सिक्की व पेपरमेशी कलाकृतियों की बिक्री होती है। यहां कलाकृतियां कैसे बनती हैं, देख सकते हैं। सीख सकते हैं। हाट में घूमने के लिए ट्वाय ट्रेन है। तालाब में बोटिंग की सुविधा है। यहां देशभर से लोग पहुंच रहे हैं।बनारस से पहुंचीं आयुषी, मुस्कान, योगेश, तान्या व संदीप ने बताया कि इंटरनेट मीडिया से मिथिला हाट की जानकारी मिली। यहां मिथिला की परंपरा से अवगत हुए। हमारी ग्रामीण परंपरा कितनी समृद्ध थी, इसकी झलक यहां दिखती है। मधुबनी की रैयाम पूर्वी पंचायत के भगवंत कुमार ठाकुर ने बताया कि यहां बड़े शहरों की तरह घूमने के लिए बेहतर स्पॉट जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां आनेवाले युवा पारंपरिक व्यंजन की ओर आकर्षित हो रहे हैं।रोजगार का बना साधन
यहां सुरक्षाकर्मी सहित 165 लोग कार्यरत हैं। इनमें 100 से अधिक कर्मी स्थानीय हैं। इनमें महिलाओं की संख्या 50 से अधिक है। स्थानीय रसोइया गंगा कुमारी और सुलेखा देवी कभी बेरोजगार थीं। आज 10 हजार रुपये महीना कमा रही हैं। इनका कहना है कि भोजन बनाने में इस तरह रोजगार मिल सकता है, सोचा नहीं था। इससे परिवार की मदद हो रही है।भंसाघर के प्रबंधक गगन झा व कैशियर कृष्णा झा ने बताया कि इलाके के सब्जी व दूध उत्पादकों को भी रोजगार मिला है। हाट तक पहुंचने के लिए आटो, ई-रिक्शा व अन्य वाहन चालकों को रोजगार मिलने लगा है। रोजाना एक हजार से अधिक लोग पहुंच रहे हैं।यह भी पढ़ें - Bihar News : चले आइए सासाराम... महादेव की भक्ति में डूबकर पहाड़ी और झरनों के बीच उठाएं इको टूरिज्म का अद्भुत आनंद यह भी पढ़ें - बिहार से दिख रहा हिमालय; लोग इस जगह को कहते हैं 'कश्मीर', गुलाबी ठंड में घर बैठे हो रहा सुंदर नजारे का दीदारजल संसाधन मंत्री संजय झा के प्रयास से यह काम हुआ है। पर्यटन को बढ़ावा देने और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर 19 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कराया गया। जल संसाधन विभाग ने 15 करोड़ 96 लाख खर्च कर पोखर का सुंदरीकरण कराया है। मुख्यमंत्री ने इसी वर्ष 11 जनवरी को इसका उद्घाटन किया था। हाट की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यहां एक बड़े हाल में छोटे-बड़े पार्टी व आयोजन की भी सुविधा है। - गोविंद झा, प्रबंधक, मिथिला अर्बन हाट