Move to Jagran APP

भारतीय सीमा के करीब चीन की कंपनी करा रही ईस्ट वेस्ट हाईवे का निर्माण, 'ड्रैगन' की नीयत में खोट?

चीनी कंपनी नेपाल में 1028 किलोमीटर पूरब पश्चिम राजमार्ग को निर्माण करा रही है। चाइना स्टेट कॉरपोरेशन इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने करीब 300 मिलियन डॉलर की लागत से नेपाल में सात जिलों को जोड़ने वाली सड़क का काम लिया है। भारत नेपाल और चीन मामलों के जानकार मानते हैं कि भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते क्षेत्रों में चीनी कंपनी की उपस्थिति भारत की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है।

By Md Ali Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 09 Sep 2024 04:51 PM (IST)
Hero Image
1028 किलोमीटर पूरब पश्चिम राजमार्ग को चीनी कंपनी बना रही है। जागरण
मो. अली, जयनगर (मधुबनी)। नेपाल की जीवन रेखा माने जाने वाले 1028 किलोमीटर पूरब पश्चिम राजमार्ग का चीनी कंपनी द्वारा निर्माण कराया जा रहा है। इस बहाने ड्रैगन भारत को घेरने की नीति अपना रहा है। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के अंदर चीन का अधिक दबदबा भारत की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही नहीं है।

जानकारों का मानना है कि यह चीन की नीति का हिस्सा है कि भारत और नेपाल के रिश्ते में दरार पैदा की जाए। जानकारों की मानें तो चीन ने नेपाल में कई योजनाओं के लिए नेपाल सरकार द्वारा निकाली टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर अरबों रुपये का काम लिया है।

चीन भारत से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर स्थित ईस्ट वेस्ट हाईवे का निर्माण करा रही है। चीन की कंपनी काफी लंबे समय तक नेपाल में रहकर खासकर भारत सीमा के समीप बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण करा रही है। इसके अलावा चीन की निर्माण कंपनी मधेशी क्षेत्र के लोगों के बीच अपनी गहरी पैठ बना रही है, जो आने वाले समय में भारत की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकती है।

सूत्रों के अनुसार, पूर्व में महेंद्र राजमार्ग, अब ईस्ट वेस्ट हाईवे की लंबाई लगभग 1028 किलोमीटर है। इस हाईवे से नेपाल के सात जिले जुड़ते हैं। जंगली क्षेत्र में फोर लेन व शहरी क्षेत्र में 6 लेन सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त सड़क का टेंडर वर्ष 2018-19 में हुआ था। करीब 180 मिलियन डॉलर की योजना है।

करीब 88 किलोमीटर सपतरी जिले के कंचनपुर से सिरहा जिले के बंदीपुर तक सड़क का निर्माण करना है। नेपाल सरकार द्वारा टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद चीन की कंपनी द्वारा सड़क निर्माण के साथ 25 नदी पर पुल, 115 कन्वर्ट, 44 किलोमीटर में ड्रेनेज के अलावा मिरचैईया व लहान में सड़क के ऊपर ओवरब्रिज, लहान में 4 व गोलबाजार में दो अंडर पास ब्रिज निर्माण कराया जाएगा।

300 मिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट

इसके अलावा, बीते वर्ष मई माह में चाईना स्टेट कॉरपोरेशन इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने करीब 300 मिलियन डॉलर की लागत से लगभग 96 किलोमीटर काकरभीट्ठा से लौकही सेक्सन ईस्ट वेस्ट हाईवे निर्माण का टेंडर लिया है। यह सड़क नेपाल के तीन जिलों से होकर गुजरेगी। झापा जिला में 56 किलोमीटर, मोरंग जिला में 30 किलोमीटर व सुनसरी जिला में 10 किलोमीटर भूभाग पड़ता है।

भारत में आने वाली नदियों में तय सीमा से ज्यादा खनन किए जाने के कारण पहले ही नेपाल के वन विभाग ने चीनी कंपनी पर केस किया है। नेपाल के वन विभाग ने इसे नदियों के जलस्तर और पर्यावरण के लिये खतरा बनाया था। चीनी कंपनी तय सीमा से चार गुणा ज्यादा की खुदाई कर रही थी।

क्या कहते हैं जानकार?

भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के उपाध्यक्ष ललित झा का कहना है कि भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते क्षेत्रों में चीनी कंपनी की उपस्थिति भारत की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। निर्माण कार्य के अलावा चीन की कंपनी सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के साथ अपनी पहचान बना रही है।

ये भी पढे़ं- India Nepal Land Dispute: विवादित जमीन पर नेपाल बढ़ा रहा पैठ, पुल और भवन के बाद बिजली की आपूर्ति

ये भी पढ़ें- चीन सीमा पर दूसरे दिन भी शुरू नहीं हो पाया यातायात, सेना और ITBP के जवानों की आवाजाही बाधित

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।