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बंदरों को पकड़ने की कवायद मात्र खानापूर्ति

मधुबनी। बंदरों के उत्पात से आजीज झंझारपुर नगर वासियों की परेशानी बन विभाग की टीम की बंदर पकड़ो अभियान मात्र खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 26 Aug 2020 10:59 PM (IST)
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बंदरों को पकड़ने की कवायद मात्र खानापूर्ति

मधुबनी। बंदरों के उत्पात से आजीज झंझारपुर नगर वासियों की परेशानी बन विभाग की टीम की बंदर पकड़ो अभियान मात्र खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया है। सोमवार को इस टीम के द्वारा पूरे दिन प्रयास करने के बाद मात्र एक बंदर को ही पकड़ने में सफलता मिल पाई थी। नपं के मुख्य पार्षद बिरेंद्र नारायण भंडारी के पहल पर यहां कुछ दिनों के अंतराल में दो बार मुजफ्फरपुर से रेस्क्यू टीम को भेजा गया है। किन्तु दोनों बार एक-एक बंदरों को पिजरा में बंद करने में सफलता मिली है। इस टीम में शामिल वन विभाग के डीएफओ चंचल प्रकाश, राम कुमार, विवके कुमार, राजेश कुमार, रजनीश कुमार, राम बाबू आदि ने बताया कि एक बंदर के पकड़े जाने पर उसका ग्रूप टूट जाता है। ग्रूप टूटने के बाद सभी बंदर इलाके से भाग जाता है। किन्तु दो बार के रेस्क्यू के बावजूद ऐसा होता नहीं दिख रहा। अब इस सरकारी रेस्क्यू की जमीनी हकीकत से यहां के मुख्य पार्षद श्री भंडारी भी रुबरु हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को निजी शिकारियों को बुलाया गया है। स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर बंदरों से निजात दिलाने पर विचार किया जाएगा। इधर स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों को पकड़ने का कार्य निजी शिकारियों को दिया जाए। उसे यहां कुछ दिन लगातार रह कर बंदरों को पकड़ने की व्यवस्था की जाए। ऐसा अगर संभव नहीं हो तो इसका दूसरा रास्ता है। दो लंगूर को लाकर बंदरों के पीछे लगा दिया जाए। किन्तु इस कार्य की सफलता में बिजली पोल का नंगा तार बाधक हो सकता है।

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