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भवानीपुर गांव में 25 लोगों का घर कोसी में समाया

मधुबनी । मधेपुर प्रखंड के कोसी प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन अस्त व्यस्त है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 05 Aug 2022 11:35 PM (IST)
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भवानीपुर गांव में 25 लोगों का घर कोसी में समाया

मधुबनी । मधेपुर प्रखंड के कोसी प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन अस्त व्यस्त है। बाढ़ के पानी ने चारों तरफ तबाही मचा रखी है। लोगों के लिए यातायात का एक मात्र साधन नाव ही बचा है। इधर, दो दिनों के बाद शुक्रवार से पानी घटने लगा है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन समस्याएं अभी भी बरकरार है। बधार से लेकर गड्ढे तक पानी से लबालब हैं। गांव के रास्ते कभी डूब जाते हैं तो कभी दिखाई देने लगते हैं। गढ़गांव पंचायत के भवानीपुर गांव में कोसी कहर बरपा रही है। गांव के लगभग 25 लोगों का घर नदी में समा गया है। इनमें सुरेन्द्र कामति, शान्ति देवी, फुलेन्द कामति, चन्द्रकला देवी, चुनचुन देवी, माला देवी, सुनीता देवी, रेणु देवी, गणेश सिंह, दिनेश सिंह, सुरेश सिंह, राजकुमार पासवान सहित अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों का घर कटते देख अन्य लोग भी सतर्क हैं कि कब अपना घर उजाड़ना पड़े। हालांकि, यहां के लोगों के लिए यह सामान्य बात है। अक्सर लोग ऐसा घर बनाते हैं जिसे खोलकर ले जाने में ज्यादा परेशानी न हो, लेकिन घर बनाना जितना मुश्किल है, उतना ही कष्टप्रद उसे उजाड़ कर दूसरी जगह ले जाना। अक्सर अपना जमीन कोसी में कटने के बाद लोग किराए का जमीन लेकर नया आशियाना बनाते हैं। कई बार इन्हें यहां से भी कोसी बेदखल कर देती है। ----------------- जमीन तलाश रहे आशियाना गंवा चुके लोग : गढ़गांव के मुखिया दीपेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि यहां की जिन्दगी काफी कठिनाइयों से भरी है। आखिर आम आदमी क्या कर सकता है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे सभी मूलभूत सुविधाओं से अभी भी अपरिचित हैं लोग। सरकार प्रयास अवश्य करती है, लेकिन नदी कभी चैन से जीने दे तब तो। नदी के कटनियां से आशियाना गंवा चुके लोग अब जमीन तलाश रहे हैं। मिलते ही घर बनाना शुरू करेंगे। आर्थिक तंगी अलग परेशान कर रही है। कटनियां प्रभावित लोगों को अब सरकारी सहायता की जरूरत है। ----------------- अधिकांश पीड़तों को पूर्व में ही पूनर्वास के लिए मिल चुकी जमीन : सीओ सीओ पंकज कुमार सिंह घर कटने की बात स्वीकार अवश्य करते हैं। उन्होंने कर्मचारी चन्द्रशेखर यादव को भेजकर इस बात की पड़ताल भी करा ली है, लेकिन उनका कहना है कि जितने भी लोग इस समस्या से प्रभावित हुए हैं उनमें अधिकांश लोगों को सरकार द्वारा पूनर्वास के लिए जमीन पूर्व से ही उपलब्ध कराया गया है। यहां लोग नदी किनारे घर बना लेते हैं और बाढ़ के समय नदी में कटने पर सरकार से मुआवजा की मांग करते हैं।

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