Bihar Politics: 'किसान हलकान हैं और सरकार मस्त है', मधुबनी में गरजे प्रशांत किशोर; लोगों से की ये अपील
जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर गुरुवार को मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड में पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों से सीधा संवाद किया। इस दौरान प्रशांत किशोर ने मुख्य रूप से किसानों की बदहाली पर बात की। उन्होंने कहा कि दस वर्षों में सिचाई भूमि की क्षमता 11 फीसदी से कम हो गई है। किसान हलकान हैं और सूबे की सरकार अपने आप में मस्त दिखती है।
संवाद सूत्र, झंझारपुर (मधुबनी)। Prashant Kishor लखनौर के दीप से चलकर प्रशांत किशोर झंझारपुर की सीमा में सुखेत पहुंचे। सुखेत सहित सिमरा व चनौरागंज में उनका आम लोगों ने भव्य स्वागत किया। सुखेत एवं सिमरा में प्रशांत किशोर ने आम लोगों से संवाद भी किया।
उन्होंने यहां कहा कि बीते दस वर्षों में बिहार में किसान की सिंचित भूमि 11 फीसदी कम हो गई है। किसान हलकान हैं और सूबे की सरकार अपने आप में मस्त दिखती है। उन्होंने कहा कि पहले से जो नलकूप चल रहे थे वह रखरखाव के अभाव में बंद हैं। वहां से सिंचाई बंद हो गई है।
'किसानों को दाम नहीं मिलने के चार मुख्य कारण'
प्रशांत किशोर ने कहा कि किसानों को फसल के दाम नहीं मिलने के चार प्रमुख कारण हैं। जमीन और जल प्रबंधन के बावजूद किसानों को उपजाए गए फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि टैक्स व्यवस्था पूरी तरह से खत्म है। कोऑपरेटिव नहीं है। नई व्यवस्था एफपीओ बिहार में ट्राई नहीं किया गया।
'...किसानों की हालत दुरुस्त की जा सकती है'
उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर का जो कृषि आधारित उद्योग है वह बिहार में नहीं है। इन चार कार्यों पर ध्यान देकर यहां के किसानों की हालत दुरुस्त की जा सकती है।
उन्होंने लोगों से कहा कि आप अपने वोट की कीमत को समझें और स्वयं के हालात, अपने गांव की हालत और परिवार के हालात देखकर ही अपना वोटिंग करें। रात्रि विश्राम चनौरागंज पंचायत में ही होगा। उन्होने झंझारपुर में भी उपमुख्यमंत्री एवं मुख्यमंत्री पर तंज कसा।