Madhubani News : बीईओ के नामपर घूस मांग रही केआरपी का वीडियो हुआ वायरल, DM के आदेश पर 3 सदस्यीय जांच टीम गठित
बिहार के मधुबनी में केआरपी का वायरल वीडियो से हो रहा है जिसमें वह टोला सेवकों से सर्विस बुक सत्यापन कराने के लिये बीईओ के लिए छह सौ रुपए और जिला से सत्यापन कराने के लिए रुपये की मांग करती देखी व सुनी जा रही हैं। अब इस मामले पर डीएम ने संज्ञान लिया है। उन्होंने मामले की जांच के लिए डीईओ को आदेश दिया है।
संवाद सूत्र। झंझारपुर। लखनौर शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसका खुलासा केआरपी के वायरल वीडियो से हुआ, जिसमें वह टोला सेवकों से सर्विस बुक सत्यापन कराने के लिये बीईओ के लिए छह सौ रुपये और जिला से सत्यापन कराने के लिए 2500 रुपये की मांग करती देखी और सुनी जा रही हैं।
ये मामला किसी ने डीएम के संज्ञान में दिया और डीएम को वायरल वीडियो भेजा। डीएम ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए डीईओ को जांच करने का आदेश दिया। डीएम के आदेश से डीईओ ने इस पूरे प्रकरण का जांच तीन सदस्यीय टीम से कराने का निर्णय लिया है।
जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम
जांच टीम एसआरपी साक्षरता मधुबनी सह बीईओ रहिका योगेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में गठित की गई है। सदस्य के तौर पर बीईओ अंधराठाढी विमला कुमारी एवं बीईओ झंझारपुर दयानंद सिंह को जांच टीम का हिस्सा बनाया गया है। बुधवार को पूरे दिन बीईओ कार्यालय लखनौर में गहमागहमी रही।
शिक्षा विभाग में यह कयास लगाया जा रहा था कि कभी भी जांच टीम आ सकती है, लेकिन बुधवार को जांच टीम नहीं पहुंची। केआरपी भी अपने कक्ष में नहीं दिखी। बीईओ महेश प्रसाद अपने कार्यालय में थे और कागजी काम में लगे थे। संभावना जताई जा रही है कि जांच टीम गुरुवार को पहुंचेगी। डीईओ के आदेश में 24 घंटा में जांच प्रतिवेदन की मांग की गई है।
उठ रहे कई गंभीर सवाल
सर्विस बुक सत्यापन के घूसखोरी का मामला अभी चल ही रहा है कि दीप गांव के नीतीश रंजन ने एक बड़ा सवाल उठाया है। नीतीश ने कहा कि बीईओ को सरकारी काम के लिये चार चक्का वाहन रखने की सुविधा सरकार ने दी है। लखनौर बीईओ जिस चार चक्का वाहन को किराया पर ले रखे हैं, उनका उपयोग वे यदा-कदा ही करते हैं।
आरोप है कि वे अपने चाहने वाले किसी स्वजन या परिचित जो मुजफ्फरपुर के गौही हाट का निवासी पप्पू सिंह है, उसका चार चक्का किराया पर ले रखे हैं। सरकारी भुगतान किया जाता है, लेकिन यहां सरकारी गाड़ी यदा कदा ही उपयोग में देखा जाता है।
मतलब साफ आरोप है कि सरकारी राशि का बंदरवांट भी इसमें हो रहा है। पूछने पर बीईओ महेश प्रसाद गौही हाट के मालिक की गाडी होने की बात स्वीकारते हैं लेकिन किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार करते हैं।
जांच का दायरा बढ़ाने की मांग
वीडियो वायरल होने के बाद आम लोग यह मांग कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच टीम को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि क्या केआरपी के माध्यम से बीईओ से लेकर जिला तक के जवाबदेह अधिकारी तो भ्रष्टाचार में संलिप्त नहीं हैं।