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नगर निगम बने मधुबनी का वर्ष 1881 से लेकर अब तक ऐसा रहा सफर, अरुण राय बने पहले मेयर; शुरू हुआ नया चैप्‍टर

Madhubani Nagar Nigam Election Journey मधुबनी नगर निगम के पहले मुख्य पार्षद के पद पर अरुण राय और उप मुख्य पार्षद के पद पर अमानुल्लाह खान की जीत से नगर निगम के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। नगर निगम के लिए नौ जून को मतदान कराया गया था।

By Abhay KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Mon, 12 Jun 2023 12:15 AM (IST)
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नगर निगम बने मधुबनी का वर्ष 1881 से लेकर अब तक ऐसा रहा सफर, नया अध्याय शुरू

कपिलेश्वर साह, मधुबनी: मधुबनी नगर निगम के पहले मुख्य पार्षद के पद पर अरुण राय और उप मुख्य पार्षद के पद पर अमानुल्लाह खान की जीत से नगर निगम के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया।

नगर निगम के लिए नौ जून को मतदान कराया गया था। 11 जून को मतगणना की प्रकिया पूरी की गई। साल 2020 में मधुबनी नगर परिषद को नगर निगम की मंजूरी मिलने बाद वार्डों की संख्या 30 से बढ़कर 45 हो गई है।

साल 2022 की शुरुआत से ही नगर निगम की चुनाव उम्मीद में इन दोनों पदों के साथ-साथ वार्ड पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ने वालों ने तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए प्रत्याशियों को लंबे समय तक मेहनत करना पड़ी।

मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद पद के लिए सीधा मतदान के प्रावधान से प्रत्याशियों की सूची लंबी हो गई। बता दें कि जिले के दो नवसृजित फुलपरास व बेनीपट्टी नगर पंचायत तथा दो पुराने जयनगर व घोघरडीहा नगर पंचायत के लिए के प्रथम चरण में 18 दिसंबर को मतदान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी।

नगर पालिका से नगर परिषद तक के अध्यक्ष का कार्यकाल

साल 1881 में कुल चार वार्ड से अस्तित्व में आए वर्ष 2005 तक मधुबनी नगर पालिका का कुल 17 वार्डों में विस्तार हुआ। वर्ष 2007 में नगर पालिका को नगर परिषद का दर्जा दिया गया।

नगर परिषद का दर्जा मिलने के साथ इसका विस्तार कुल 30 वार्डों में हुआ। नगर पालिका के पहले अध्यक्ष के रूप में खासगीर साहब का कार्यकाल साल 1914 से 1921 तक रहा।

इसके बाद अध्यक्ष के रूप में महेंद्र प्रसाद का कार्यकाल साल 1921 से 1925 तक रहा। साल 1925 से 1929 राय बहादुर सुशील कुमार राय। साल 1930 से 1933 चतुरानंद लाल दास। साल 1934 से 1937 लक्ष्मीनाथ मिश्र। साल 1937 से 1940 तक राय बहादुर सुशील कुमार राय।

साल 1941 से 1946 हरिहर प्रसाद महासेठ। साल 1946 से 1951 राम अवतार महासेठ। साल 1952 से 1957 तक बलदेव पूर्वे। साल 1957 से 1961 बैजनाथ पंजियार। साल 1961 से 1963 बलदेव पूर्वे।

साल 1963 से 1977 राजकुमार महासेठ। साल 1977 से 1983 बलदेव पूर्वे। साल 1984 से 1989 बलदेव पूर्वे। इसके बाद लंबे समय तक नगर पालिका का चुनाव संभव नहीं हो सका। इसके बाद पुन: नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर साल 2002 से 2003 तक महारानी देवी का कार्यकाल रहा।

साल 2004 से 2007 तक रेखा नायक। साल 2007 में पांच माह के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष खालिद अनवर। साल 2007 से 2010 तक पवन कुमार पूर्वे। साल 2010 से 2012 विजय कुमार चौधरी। साल 2012 से 2017 खालिद अनवर। साल 2017 से 2021 तक नगर परिषद के मुख्य पार्षद के पद पर सुनैना देवी का कार्यकाल रहा।

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