दक्षिणेश्वर नाथ महादेव उतरा में श्रद्धालुओं की भीड़
मधुबनी। नरक निवारण चतुर्दर्शी पर दक्षिणेश्वर नाथ महादेव उतरा में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उ
मधुबनी। नरक निवारण चतुर्दर्शी पर दक्षिणेश्वर नाथ महादेव उतरा में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर मनवांछित फल मांगा। मधवापुर, बसवरिया, सलेमपुर व अवारी समेत विभिन्न शिवालयों में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोगों ने व्रत रखकर शिव की आराधना किया। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं में माघ महीने को दान-पुण्य और स्नान आदि के लिए बहुत ही शुभ महीना माना गया है। माघ महीने की अमावस्या से पहले वाली चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान शिव की अराधना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन भगवान शिव का अराधना से सभी प्रकार के पाप धुल जाते है। कहा गया है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह तय हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिमालय ने पुत्री पार्वती के विवाह का प्रस्ताव भगवान शिव को भेजा था। इसके बाद फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि के दिन उनका विवाह हुआ था। शिव भक्तों ने की शिव की पूजा-अर्चना झंझारपुर। नरक निवारण चतुर्दशी अनुमंडल क्षेत्र में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने पूरे दिन का उपवास रखा। शिव मंदिरों में जलाभिषेक को लेकर भक्तों की अपार भीड़ देखी गई। राम जानकी मंदिर लौफा में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शांतिनाथ महादेव मंदिर, विदेश्वर स्थान महादेव मंदिर, अंकुशी नाथ महादेवी मंदिर, पंचानाथ महादेव मंदिर, गौरीशंकर नाथ महादेव मंदिर जमुथरि, भैरवस्थान महादेव मंदिर, पूणेश्वर स्थान महादेव मंदिर पैटघाट में भी जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की खूब भीड़ जुटी। हर हर महादेव के जयघोष से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। मधेपुर के प्रसिद्ध रहुआ संग्राम मंदिर में भी जलाभिषेक को भारी भीड़ जुटी। हर मंदिर पर मंदिर प्रबंधन द्वारा साफ सफाई की उचित व्यवस्था की गई थी।