Bihar Bridge Collapse: धड़ाधड़ गिर रहे पुलों पर एक्शन में नीतीश सरकार, जांच करने मधुबनी पहुंचे अधिकारी; होगी कार्रवाई
Bihar Bridge Collapse बिहार में एक के बाद एक धड़ाधड़ गिरते पुलों पर सियासी पारा हाई है। इस बीच नीतीश सरकार भी एक्शन में दिख रही है। मधुबनी में निर्माणाधीन पुल का बीम गिरने की उच्च स्तरीय विभागीय जांच शुरू हो गई है। पटना से मधुबनी आए अधिकारियों ने घटनास्थल पहुंचकर ब्रिज का निरीक्षण किया है। अधिकारियों के मुताबिक वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपेंगे।
संवाद सूत्र, मधेपुर (मधुबनी)। बिहार के मधुबनी (Madhubani Bridge Collapse) में भुतही बलान नदी पर निर्माणाधीन 76 फीट लंबे पुल का बीम गिरने की उच्च स्तरीय विभागीय जांच शुरू हो गई है। शनिवार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पटना कार्यालय से आए अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम ने घटनास्थल पर निरीक्षण किया। टीम लगभग आधा घंटा मौके पर रही।
जांच टीम में शामिल दरभंगा के अधीक्षण अभियंता दीप नारायण प्रसाद ने बताया कि ढलाई ताजा थी। इसके बाद नदी में पानी बढ़ने के चलते यह घटना हुई है। प्रथम दृष्टया बीम में पानी पहुंचने का मामला दिखता है।
उन्होंने बताया कि घटनास्थल पहुंचकर सभी तथ्यों का संकलन किया गया है। फोटोग्राफी हुई है। मलबे का नमूना संग्रहित किया गया है। जांच टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट पटना में वरीय अधिकारी सौंपेंगी। अब बरसात बाद काम शुरू होने की बात कही जा रही।
तीन करोड़ की लागत से हो रहा था निर्माण कार्य
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग झंझारपुर भुतही बलान पर पुल का निर्माण लगभग दो करोड़ 98 लाख रुपये से करा रहा है। करीब 76 फीट लंबे इस पुल में तीन स्लैब (छत) की ढलाई होनी है। गुरुवार को गिरे बीम की ढलाई बुधवार को ही हुई थी। निर्माण का ठेका दरभंगा जिले के ठेकेदार अमरनाथ झा के पास है।
झंझारपुर के कार्यपालक अभियंता ने क्या कहा?
पुल का बीम गिरने के मामले में झंझारपुर के कार्यपालक अभियंता रामाशीष पासवान ने बताया कि जांच टीम आई थी। मुआयना किया है।
पुल निर्माण में देरी को लेकर उन्होंने बताया कि संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने के लिए पूर्व के कार्यपालक अभियंता मो. सोहैल ने विभाग को लिखा था। उसमें क्या हुआ बिना फाइल देखे नहीं कह सकता।
दो साल से एजेंसी को मिल रहा एक्सटेंशन, फिर भी काम अधूरा
पुल का निर्माण मार्च 2021 में शुरू हुआ था। एक साल में बनाकर तैयार करना था। लेकिन समय से दो वर्ष अधिक होने के बाद भी आधा काम भी नहीं हुआ है। विभाग पिछले दो साल से ठेकेदार को नियमानुसार एक्सटेंशन दे रहा है। हर एक्सटेंशन में 10 प्रतिशत प्राक्कलित राशि का काटने का प्रविधान है।