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Nitish Kumar: अपनों की दगाबाजी से नीतीश कुमार दंग, चला रहे एक साथ कई तीर; इन जातियों पर 'फोकस'!

जदयू ने बाबूबरही और राजनगर दोनों विधानसभा के मतदाताओं को गोलबंद करने का प्रयास किया। यह क्षेत्र अतिपछड़ा बहुल है। बाजार में वैश्य बनिया भी ठीक-ठाक संख्या में हैं। निषाद समाज की संख्या भी बाबूबरही में कम नहीं है। इन सभी वर्गों को साधने और अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश की गई। खासकर अतिपिछड़ा वर्ग में कुछ अपने लोगों की दगाबाजी से नीतीश कुमार दंग हैं।

By Braj Mohan Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 01 May 2024 04:02 PM (IST)
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अपनों की दगाबाजी से नीतीश कुमार दंग, चला रहे एक साथ कई तीर; इन जातियों पर 'फोकस'!
ब्रज मोहन मिश्र, बाबूबरही (मधुबनी)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को निर्धारित समय से 20 मिनट पहले बाबूबरही की चुनावी सभा में पहुंच गए। प्रचंड गर्मी के बीच उड़न खटोले ने भीड़ को आकर्षित किया। लोग जुटे।

मौसम और राजनीति गर्मी में तालमेल बिठाने की कोशिश हुई। छांव ढुंढ़ते लोग इधर-उधर बिखरे। कोई स्कूल की छत तो कोई मंदिर के सहारे टिक गया। सुरक्षा कर्मियों की संख्या ने भी धूल-धूल कर रखा था।

इन जातियों पर नजर

खैर इन्हीं दृश्यों के बीच सभी नेता मंच पर विराजमान हुए। भाषण का दौर शुरू हुआ। मंत्री विजय चौधरी ने तर्क दिया कि बाबूबरही की जनता से इतना प्यार है कि समय से पहले मुख्यमंत्री पहुंच गए। मगर चुनावी सभी थी सो बगैर किसी सामाजिक और राजनीतिक समीकरण को तय किए तो होती नहीं।

दरअसल, बाबूबरही की सभा ने बाबूबरही और राजनगर दोनों विधानसभा के मतदाताओं को गोलबंद करने का प्रयास किया गया। यह क्षेत्र अतिपछड़ा बहुल है। बाजार में वैश्य बनिया भी ठीक-ठाक संख्या में हैं। निषाद समाज की संख्या भी बाबूबरही में कम नहीं है।

अपनों की दगाबाजी से नीतीश दंग!

इन सभी वर्गों को साधने और अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश की गई। खासकर अतिपिछड़ा वर्ग में कुछ अपने लोगों की दगाबाजी से नीतीश कुमार दंग हैं। जो साफ तौर पर एनडीए गठबंधन की सभाओं और कार्यक्रमों को नजर अंदाज कर रहे हैं।

वे अतिपिछड़ा वोट बैंक में विपक्ष के लिए सेंधमारी कराने में लगे हैं, इसलिए नीतीश कुमार ने बताया कि कैसे उन्होंने जाति और आर्थिक जनगणना कराई। इस आधार पर अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अतिपिछड़ों का आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया।

नीतीश कुमार ने जनसभा में बताया कि उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पहले से 10 प्रतिशत आरक्षण केंद्र सरकार ने तय कर रखा है। मतलब नीतीश सरकार और मोदी सरकार दोनों आरक्षण विरोधी नहीं हैं।

महागठबंधन प्रत्याशी सुमन महासेठ के वैश्य वोटर में सेंधमारी को रोकने के लिए भी इस क्षेत्र में सभा करके दर्शाया गया कि वैश्य एनडीए के कोर वोट हैं और उनका ध्यान है, क्योंकि इस क्षेत्र में वैश्य बनिया के संगठन द्वारा सुमन महासेठ के लिए माहौल बनाने की चर्चा हो रही है।

भाजपा और जदयू में तालमेल

सभा में भाजपा नेताओं की उपस्थिति से भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को भी संदेश देने का प्रयास किया गया कि तालमेल बनाकर चलना है। वहीं, झंझारपुर लोकसभा के प्रभारी मंत्री मदन सहनी हर सभा में मुकेश सहनी पर हमला करके बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे निषाद समाज के नेता नहीं हैं। वे निषाद समाज के वोटर को बिकाउ समझाते हैं।

साथ ही मुकेश सहनी निषाद समाज के लोगों को आरक्षण देने की बात करते हैं, मगर लालू प्रसाद व इनके दल के नेता ने आज तक पंचायत में भी आरक्षण नहीं दिलाया। मतलब हर तरह के आरक्षण दिलाने में एनडीए ही समर्थ है।

नीतीश कुमार ने मदरसा के शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के बराबर वेतन देने और कब्रिस्तान की घेराबंदी कराये जाने की बात कहकर मुस्लिम मतदाताओं को याद दिलाया कि भले भाजपा उनके साथ है मगर जदयू मुस्लिम के साथ हित करने वाली पार्टी है।

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