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मौसम की बेरुखी से उत्तर बिहार में बढ़ रहा सूखे का खतरा, झमाझम बारिश की राह देख रहे किसानों में छाई मायूसी

बिहार में मानसून प्रवेश कर चुका है लेकिन मधुबनी के लोग अच्छी बारिश के लिए तरस रहे हैं। बारिश नहीं होने से लोगों का हाल बेहाल है। बारिश में हो रही देरी के कारण विशेषज्ञ जिले में सूखा पड़ने की आशंका जता रहे हैं। मानसून के राज्य में प्रवेश के बाद भी जिले में अपेक्षित बारिश नहीं होने के कारण किसान चिंतित हैं।

By Pradeep MandalEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 23 Jun 2023 01:51 AM (IST)
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मौसम की बेरुखी से उत्तर बिहार में बढ़ रहा सूखे का खतरा।

जागरण संवाददाता, मधुबनी: बिहार में मानसून प्रवेश कर चुका है, लेकिन मधुबनी के लोग अच्छी बारिश के लिए तरस रहे हैं। बारिश नहीं होने से लोगों का हाल बेहाल है। बारिश में हो रही देरी के कारण विशेषज्ञ जिले में सूखा पड़ने की आशंका जता रहे हैं। 

मानसून के राज्य में प्रवेश के बाद भी जिले में अपेक्षित बारिश नहीं होने के कारण किसान चिंतित हैं। उनकी फसलें बर्बाद होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। धान की रोपाई पर बारिश न होने का सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है। समय से बारिश नहीं होने के कारण जिले में 40 प्रतिशत किसानों ने अभी तक धान का बिचड़ा तक नहीं तैयार किया है।

किसानों में छायी मायूसी

जिले में इस बार धान की फसल का रकबा बढ़ाने की तैयारी में जूटे किसानों को अब तक मायूसी ही हाथ लगी है। बीते एक सप्ताह से किसान मानसून के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन इस बारबार मौसम की बेरुखी से सूखे का खतरा बढ़ रहा है।

झमाझम बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं। पिछले 3 दिनों से उमड़ते बादल किसानों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। मौसम की बेरुखी फसलों पर विपरीत असर डाल रही है। वही लगातार बादलों का धूप से हो रही आंख मिचौली के कारण जिले में गर्मी व उमस बढ़ गई है।

बारिश में देरी से हो रहा नुकसान

किसानों ने बताया कि, यदि मानसून की बारिश में देरी होती है तो फसलों की बुआई देरी से की जाएगी। इसी तरह जब तक समुचित बारिश नहीं हो जाती, तबतक बुआई शुरू नहीं की जाती है। यदि मानसून के आगमन में देरी होती है, तो देरी से बुआई होने के कारण उसका असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगी।

कुछ किसानों ने मई के अंतिम सप्ताह में खेतों में धान के बिचड़े गिराए थे, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण उन बिचड़ों को बचाने के लिए लगातार पटवन करनी पड़ रही है।

तीन पिछले सप्ताह हल्की बूंदाबांदी हुई थी, जिसके बाद किसानों को लगा कि मानसून आ रही है। ऐसे में उन्होंने खेतों में धान के बिचड़े आनन-फानन में लगाने शुरू कर दिए थे, लेकिन फिर से जिला में तेज धूप व हीट वेव जारी है जिससे किसान चिंतित हो गए हैं; जबकि जून का महिना बीतने को आ गया है और बारिश का अब तक पता नहीं है।

अब तक महज 6.8 एमएम बारिश

जून का महीना बीतने को है। मानसून का दूर-दूर तक कोई पता नहीं है। इस महीने अब तक जिले में औसतन महज 6.8 एमएम बारिश हुई है, जो पिछले 12 वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक बहुत कम है। बिहार में मानसून का आगमन हो चुका है। लेकिन अभी तक उत्तर बिहार के जिलों में मानसून सक्रिय नहीं हुआ है। अगले कुछ दिनों में आसमान में घने काले बादल छा सकते हैं। जून महीने में औसतन 160 - 180 मिमी बारिश होती है। लेकिन इस साल अब तक जिले में ऐसी बारिश नहीं हुई है।

बिहार में मानसून का आगमन हो चुका है। लेकिन अभी तक उत्तर बिहार के जिलों में मानसून सक्रिय नहीं हुआ है। अगले कुछ दिनों में आसमान में घने काले बादल छा सकते हैं। जून महीने में औसतन 160 - 180 मिमी बारिश होती है। लेकिन इस साल अब तक जिले में ऐसी बारिश नहीं हुई है।

डॉ. ए. सत्तार , मौसम वैज्ञानिक

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