'लालू-नीतीश के 75 फीसदी आरक्षण के दांव में अभी हैं कई पेंच', Prashant Kishor ने ऐसा क्यों कहा?
Prashant Kishor प्रशांत किशोर ने कहा कि आरक्षण की जो व्यवस्था बनी हुई है वो सुप्रीम कोर्ट ने तय की है जो बिहार विधानसभा से बाहर का मामला है। अगर वोट प्रतिशत के आधार पर कोई समाज पीछे है तो उसको उसकी भागीदारी मिलनी चाहिए। लेकिन उनकी भागीदारी के नाम पर खुद लूटकर और अपने बच्चों को जो बैठाए हुए हैं व सही नहीं है।
संवाद सूत्र, खुटौना (मधुबनी)। Prashant kishor: जन सुराज की पदयात्रा लौकही प्रखंड अंतर्गत कलुआही गांव पहुंची। प्रशांत किशोर ने गुरूवार को लौकही में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए नए आरक्षण मामले पर घेरा।
इस आरक्षण का कोई वैधानिक आधार नहीं: प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा कि बिहार में जातिगत गणना के बाद नीतीश सरकार ने आरक्षण का दायरा 15 प्रतिशत और बढ़ाने का फैसला किया है। बिहार के लोगों को पहले ये समझना होगा कि ये जनगणना नहीं, सर्वे है जिसका कोई वैधानिक आधार नहीं है।
आरक्षण के नाम पर जो लूट हो रही वह सही नहीं
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि आरक्षण की जो व्यवस्था बनी हुई है वो सुप्रीम कोर्ट ने तय की है जो बिहार विधानसभा से बाहर का मामला है। अगर वोट प्रतिशत के आधार पर कोई समाज पीछे है तो उसको उसकी भागीदारी मिलनी चाहिए। लेकिन उनकी भागीदारी के नाम पर अपना घर भरने की जो बात है इसके अलावा खुद लूटकर और अपने बच्चों को जो बैठाए हुए हैं वो सही नहीं है।
पिछले 32 सालों से नीतीश और लालू को छोड़कर कौन राज कर रहा
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि पिछले 32 सालों से नीतीश और लालू को छोड़कर बिहार में राज कौन कर रहा है। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश और लालू यादव अगर बिहार में राज कर रहे हैं तो हकमारी तमिलनाडु का कोई नेता तो किया नहीं है।
अगर समाज की हक मारी हुई है जो कि दिख भी रहा है तो ये हक मारने वाले लोग कौन हैं। जातिगत सर्वे जो आए इसे देखकर तो इन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था। 32 सालों से ये कह रहे हैं कि पिछड़े समाज का भला करने के लिए खड़े हैं, दूसरी तरफ इसी पिछड़े समाज को वंचित रख आप कुर्सी में बैठे हैं, दोषी आप है तो आप इस्तीफा दीजिए।