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Bihar: मधुबनी में गोबर और मिट्टी से बन रहा 'शंकराचार्य धाम', ठहरेंगे पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती

Bihar News शंकराचार्य धाम के लिए गांव के पशुपालक देसी गाय का गोबर दे रहे हैं। दो दर्जन लोगों ने स्वेच्छा से मिट्टी भूसा बांस दान किया है। निर्माण में 50 से अधिक महिलाएं श्रमदान दे रही हैं। धाम को कलाकार मिथिला पेंटिंग से सजाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 15 May 2023 01:05 PM (IST)
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मधुबनी में बन रहे 'शंकराचार्य धाम में ठहरेंगे शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती।
कपिलेश्वर साह, मधुबनी: गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती 22 से 25 मई तक मधुबनी में रहेंगे। वो अपनी जन्मभूमि कलुआही प्रखंड के बख्शीटोल में दो करोड़ की लागत से बने माता मनसा देवी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे।

तैयार हो रहा शंकराचार्य धाम

उनके प्रवास के लिए बख्शीटोल में 'शंकराचार्य धाम' का निर्माण हो रहा है। गोबर, मिट्टी और बांस से दो अलग-अलग कमरे (झोपड़ीनुमा कुटिया) बनाए जा रहे हैं। एक कमरे में शंकराचार्य रहेंगे। दूसरा उनके सचिव स्वामी निर्विकल्पानंद सरस्वती का होगा।

दोनों कमरे में शौचालय व स्नानागार की सुविधा होगी। निर्माण जनसहयोग व श्रमदान से हो रहा है। दोनों कमरों में पलंग, कूलर, सोफा और दूसरी जरूरी चीजों की व्यवस्था भी जनसहयोग से होगी।

फोटोः धाम निर्माण में योगदान देती महिलाएं।

50 से अधिक महिलाएं कर रहीं श्रमदान

धाम के दोनों कमरे में मिट्टी की परत चढ़ाने में बख्शीटोल गांव की प्रवीणा देवी, ममता झा, रुबी झा, मीना झा, मंजू झा, रेणु झा, विभा झा, मोना झा, खुश्बू झा, सूमी झा, साधना देवी सहित 50 से अधिक महिलाएं श्रमदान दे रही हैं।

निर्माण के लिए गांव के दो दर्जन पशुपालक देसी गाय का गोबर दे रहे हैं। वहीं दो दर्जन लोगों ने स्वेच्छा से मिट्टी, भूसा, बांस दान किया है। धाम का काम चमकी बाबा की देखरेख में हो रहा है। इसकी निगरानी आदित्य वाहिनी के स्वयंसेवक कर रहे हैं।

मिथिला पेंटिंग से सजाया जाएगा शंकराचार्य धाम

प्रत्येक कमरे में 100 पीस बांस, पांच ट्रैक्टर मिट्टी, एक क्विंटल गाय का गोबर और एक क्विंटल भूसे का उपयोग किया गया है। कमरे पर मिट्टी-भूसा की पहली परत, मिट्टी-गाय गोबर की दूसरी परत व पीली मिट्टी की फाइनल परत के बाद यहां के एक दर्जन से अधिक कलाकार शंकराचार्य धाम को मिथिला पेंटिंग से सजाएंगे।

25 मई को शंकराचार्य के गमन के बाद दोनों कमरों की देखरेख माता मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा की जाएगी। इस धाम से मिथिला में शंकराचार्य के संदेश तथा धर्म प्रचार कार्य का संचालन किया जाएगा।

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