बिहार में यह कैसी शराबबंदी? नेपाल तक फैला है तस्करी का बड़ा नेटवर्क, चार चैनल में ऐसे होती है होम डिलिवरी
बिहार में शराबबंदी के बाद शराब तस्करी का बड़ा नेटवर्क खड़ा हुआ है। इसका एक हिस्सा वाहन चोर गिरोह से जुड़ा है। यह गिरोह एक पैटर्न पर वाहन खासकर बाइक की चोरी करता है। तीन से चार चैनल में बिक्री होते हुए यह नेपाल में शराब तस्करों तक पहुंच जाती है। शराब धंधेबाज चोरी की गाड़ी की नंबर प्लेट रंग इंजन नंबर आदि बदल इसका उपयोग करने लगते हैं।
ब्रज मोहन मिश्र, मधुबनी। बिहार में शराबबंदी के बाद शराब तस्करी का बड़ा नेटवर्क खड़ा हुआ है। इसका एक हिस्सा वाहन चोर गिरोह से जुड़ा है। यह गिरोह एक पैटर्न पर वाहन खासकर बाइक की चोरी करता है।
तीन से चार चैनल (चरण) में बिक्री होते हुए यह नेपाल में शराब तस्करों तक पहुंच जाती है। शराब धंधेबाज चोरी की गाड़ी की नंबर प्लेट, रंग, इंजन, नंबर आदि बदल इसका उपयोग करने लगते हैं।नेपाल पहुंचने वाली चोरी की गाड़ियां मधुबनी के अलावा दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा तक की होती हैं।
मधुबनी में हर रोज औसतन वाहन (बाइक या चार पहिया) चोरी की दो प्राथमिकी दर्ज हो रही। जनवरी से 10 फरवरी तक करीब 70 घटनाएं हुई हैं। चोरी के वाहनों का सर्वाधिक उपयोग शराब तस्करी में किया जाता है।पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते छह माह में मधुबनी पुलिस ने शराब के साथ करीब 726 वाहन जब्त किए हैं। इनमें 238 बाइक चोरी की थीं। 26 बाइक अन्य जिलों या राज्यों की थीं।
जिन गाड़ियों का उपयोग तस्कर नहीं करते, उन्हें उत्तर प्रदेश, बंगाल या पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचा दिया जाता है। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक जिले में 2023 में वाहन चोरी के करीब 800 केस दर्ज किए गए। इनमें ज्यादातर बाइक थीं।
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गिरोह में मधुबनी के अलावा मुजफ्फरपुर, सुपौल, मधेपुरा और नेपाल के सदस्य शामिल होते हैं। बीते साल पंडौल से एक अंतरजिला बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। इसमें सुपौल, मधेपुरा तथा मुजफ्फरपुर के कुल पांच लोग पकड़े गए थे। ये सभी पंडौल बाजार में भाड़े के घर में रहते थे।सकरी तथा पंडौल बाजार के विभिन्न हिस्सों से बाइक चोरी कर आगे पहुंचा दिया करते थे। गिरोह के सदस्य बाइक चोरी कर वह अन्य साथी को 3000-5000 रुपये में बेच देता है। यह चेन भारत-नेपाल सीमा से लेकर बिहार-पश्चिम बंगाल की सीमा तक सक्रिय है।क्या कहते हैं एसपी?
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