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बिहार में कब होगी कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती? सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिल रहा तकनीकी ज्ञान, अभिभावक परेशान

बिहार के मुंगेर जिले में सरकारी स्कूलों के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षकों का इंतजार है। स्कूलों में कंप्यूटर खराब होने लगे हैं और अभी तक शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है। प्राइवेट शिक्षकों की सेवा समाप्त होने के बाद से ही कंप्यूटर क्लास बंद है। अभिभावकों का कहना है कि सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

By Rajnish KumarEdited By: Rajat MouryaUpdated: Fri, 20 Oct 2023 05:03 PM (IST)
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बिहार में कब होगी कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती? सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिल रहा तकनीकी ज्ञान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

संवाद सहयोगी, बरियारपुर (मुंगेर)। Bihar Computer Teachers Recruitment प्रखंड क्षेत्र के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में छात्रों को तकनीकी ज्ञान देने के लिए कंप्यूटर तो हैं मगर शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में तकनीकी ज्ञान का यह साधन न सिर्फ विद्यालय के कक्ष में धूल खाकर खराब हो रहा है, बल्कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र भी इस तकनीकी ज्ञान से वंचित हैं।

सरकारी स्कूल के बच्चों को तकनीकी ज्ञान देने में सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। प्रखंड के लगभग कई मध्य विद्यालयों में एक दशक पूर्व सरकार ने कंप्यूटर की शिक्षा की शुरुआत की थी और साधन भी दिया। लेकिन शिक्षक के अभाव में यह साधन विद्यालय में शोभा मात्र बनकर रह गए हैं।

मानदेय नहीं मिला तो स्कूल आना कर दिया बंद

सबसे पहले सात कंप्यूटर व जेनरेटर के साथ प्रखंड के महदेवा मध्य विद्यालय में इसकी शुरुआत की गई। एक वर्ष तक प्राइवेट शिक्षकों के सहारे यहां के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी गई। लेकिन मानदेय नहीं मिलने से शिक्षकों ने स्कूल आना बंद कर दिया। तब से आज तक यहां कंप्यूटर की पढ़ाई बंद है तथा सभी कंप्यूटर कबाड़ बन गए हैं।

सरकार ने की कंप्यूटर शिक्षकों की सेवा समाप्त

फिलिप उच्च विद्यालय, राममनोहर लोहिया उच्च विद्यालय एवं बालिका उच्च विद्यालय में तीन दर्जन से अधिक कंप्यूटर हैं। शिक्षकों की भी बहाली हुई। लेकिन दो वर्ष बाद सरकार ने सभी कंप्यूटर शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी। इसके बाद विद्यालय में कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं हो रही है। हालांकि, फिलिप विद्यालय में प्लस टू के लिए कंप्यूटर शिक्षक बहाल हैं।

अभिभावक परेशान

राममनोहर लोहिया उच्च विद्यालय में जानकार शिक्षकों के रहने से स्मार्ट क्लास चलाई जाती है। अभिभावक विनोद कुमार प्रभाकर, विनय कुमार, प्रदीप कुमार सहित अन्य का कहना है कि सरकार स्कूली बच्चों के लिए तकनीकी शिक्षा के लिए सरकार बातें तो करती है। लेकिन साधन को पूरी तरह अपडेट नहीं करती। ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे प्राइवेट स्कूल के बच्चों की तरह तकनीकी शिक्षा में पूरी तरह दक्ष नहीं हो पाते। स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक की बहाली पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

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