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Munger News: अब पहाड़ों और जंगलों में हथियार बना रहे तस्कर, कई उपकरण के साथ वर्दियां भी बरामद; लगातार ऑपरेशन चलाने का निर्देश

मुंगेर में हथियार बनाने वाले और इसकी तस्करी करने वालों ने ट्रेंड बदल दिया है। गांव को छोड़कर अब उन्होंने पहाड़ व जंगली इलाकों को अपना नया ठिकाना बना लिया है। हथियार तस्कर जंगली व पहाड़ी एरिया को अपना सेफ जोन समझने लगे हैं। इससे पूर्व भी ऋषिकुंड के पहाड़ी इलाकों में पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। यहां से कई उपकरण बरामद किए गए।

By Rajnish Kumar Edited By: Mukul KumarUpdated: Sun, 07 Jan 2024 02:45 PM (IST)
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जंगल और पहाड़ी क्षेत्र में अभियान चलाते जवान। सौजन्य : पुलिस
संवाद सहयोगी, मुंगेर। हाल के महीनों में लगातार हुई गिरफ्तारी और मिनी गन फैक्ट्रियों के उद्भेदन के बाद हथियार बनाने वाले और इसकी तस्करी करने वालों ने ट्रेंड बदल दिया है। गांव को छोड़कर पहाड़ व जंगली इलाकों को इन्होंने नया ठिकाना बना लिया है।

पुलिस-प्रशासन की लगातार दबिश को देखते हुए अवैध हथियार निर्माण से जुड़े तस्कर पहाड़ पर हथियार बना रहे हैं। हथियार तस्कर जंगली व पहाड़ी एरिया को अपना सेफ जोन समझने लगे हैं। इससे पूर्व भी ऋषिकुंड के पहाड़ी इलाकों में पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। यहां से कई उपकरण बरामद किए गए।

दो वर्दियां भी पुलिस की मिली थीं। इसके बाद प्रखंड के दूसरे इलाके से तीन हथियार तस्करों को पकड़ा गया है। एसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि हथियार की तस्करी पर रोक लगाने के लिए विशेष टीम को पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार ऑपरेशन चलाने को कहा गया है।

हथियार की तस्करी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस का हंटर चलने लगा तो परिणाम भी दिख रहा है। एएसपी अभियान कुणाल कुमार के नेतृत्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पहाड़ी और जंगल क्षेत्र में लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

कार्रवाई से हौसले हुए पस्त

हथियार तस्कर जंगल व पहाड़ी क्षेत्रों को सेफ जोन समझते हैं। हालांकि, पुलिस लगातार लगतार पहाड़ी क्षेत्रों में की जा रही लगातार छापेमारी से तस्करों के हौसले पस्त नजर आ रहे हैं। अवैध धंधे से जुड़े लोग पकड़े जाने पर जेल तो जाते है, लेकिन जेल छूटते ही फिर से इस धंधे में लिप्त हो जाते है।

ये लोग नक्सल प्रभावित इलाके के पहाड़ी जंगलों में ऐसे जगहों को चिन्हित करते है जहां पुलिस और नक्सली की नजर नहीं पड़े।

दिया जाता है फाइनल टच

मुंगेर के कारीगर अवैध पिस्टल और अन्य हथियारों को फिनिशिंग टच बहुत ही बारिकी से देते हैं। इस वजह से देश के लगभग राज्यों में मुंगेर निर्मित हथियार फेमस है।

बीते दो वर्षों में पुलिस ने कार्रवाई कर लगभग तीन दर्जन से ज्यादा मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया है। कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। जेल से निकलने के बाद फिर से इस धंधे में लग जाते हैं ।

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