Move to Jagran APP

'नरेंद्र मोदी हैं बिहार के मुख्यमंत्री', ये है एजुकेशन सिस्टम का हाल; छात्रों को बेसिक जानकारी तक नहीं

बिहार की शिक्षा व्यवस्था की हालत आज भी बदहाल है। सरकारी स्कूलों के बच्चों की बेसिक जानकारी शून्य के बराबर है। मुंगर स्थित एक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्रों को बिहार के मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं पता। एक छात्र ने तो नरेंद्र मोदी को बिहार का मुख्यमंत्री बता दिया। सातवीं कक्षा के छात्र देश के प्रधानमंत्री के नाम पर कन्फ्यूज नजर आए।

By Rajnish Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 11 Jul 2024 11:31 AM (IST)
Hero Image
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

त्रिभुवन चौधरी, हेमजापुर (मुंगेर)। शिक्षा विभाग भले ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का लाख दावा कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेसिक जानकारी तक नहीं है। ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सवाल उठना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही मामला धरहरा प्रखंड के शिवकुंड पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय निषाद टोला शिवकुंड में बुधवार को दिखा।

यहां पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के बच्चों को जो बेसिक जानकारियां होनी चाहिए थी उसमें अभाव दिखा। बच्चे किसी भी प्रश्न का उत्तर काफी संकोच करते हुए दे रहे थे।

दरअसल, दैनिक जागरण की टीम विद्यालय में 8:57 बजे शिक्षा व्यवस्था से रूबरू होने पहुंची थी। विद्यालय समय पर खुला। बच्चे विद्यालय प्रांगण में एकत्रित हो रहे थे और सभी शिक्षक बच्चों को प्रार्थना के लिए पंक्तिबद्ध करवाते नजर आए।

सतर्क हो गए शिक्षक, सवाल सुन असहज हुए छात्र

संवाददाता को देख सभी शिक्षक काफी सतर्क हो गए थे। सातवीं कक्षा के बच्चों से जब पूछा गया की अभी बिहार के मुख्यमंत्री कौन हैं तो एक बच्चे ने जवाब में कहा- नरेंद्र मोदी। रविवार और इतवार में बच्चों को फर्क नजर आया। बच्चों से बिहार के सीएम व पीएम संबंधित नाम पूछे गए तो बच्चे झेंप गए।

इसमें एक बच्चे ने फटाक से जवाब दिया कि नरेंद्र मोदी बिहार के मुख्यमंत्री हैं। बच्चों से सवाल पूछते देख हेड मास्टर कक्षा से चुपके से बाहर निकल लिए। शायद प्रधानाध्यापक को इस बात का एहसास हो गया था कि कहीं बच्चे जवाब नहीं दे पाए तो वह क्या करेंगे?

9:15 बजे

बच्चों के विद्यालय आने का सिलसिला जारी है। हेड मास्टर बच्चों को हाथ का इशारा करके स्कूल बुला रहे थे। तभी संवाददाता की नजर एक शिक्षिका पर पड़ी जो विद्यालय प्रांगण में प्रवेश कर रही थी। विलंब होने की वजह बताते हुए शिक्षिका ने कहा की सड़क पर कई जगह जाम लगा है, इसलिए आज थोड़ा विलंब हो गया।

बुधवार को बच्चों की संख्या कम रहने पर जब संवाददाता ने पूछा तो हेड मास्टर साहब ने कहा कि गांव में कई घरों में शादियां हैं, इसलिए कई बच्चे स्कूल नहीं आए। कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चे बेंच पर बैठकर पढ़ाई कर रहे थे।

9 25 बजे, बच्चों की हाजिरी

अब बच्चों की हाजिरी बन रही थी। बच्चे अब भी स्कूल आ रहे थे। बताया गया कि इस विद्यालय में 416 बच्चे नामांकित हैं। बीपीएससी शिक्षक मिलकर कुल 15 शिक्षक हैं। विद्यालय में प्रधान अध्यापक निरंजन कुमार के अलावा, सुनीता कुमारी, संतोष कुमार, रश्मि कुमारी, धीरज कुमार, पूनम कुमारी, गौरी कुमारी, जगलाल, शिवानी आनंद, विकास कुमार व देवासी कुमार सहायक शिक्षक के रूप में मौजूद हैं। दो शिक्षिका सुनीता और वीणा कुमारी आज अवकाश पर है।

विद्यालय में व्याप्त समस्याओं पर एक नजर

  • विद्यालय परिसर में जल जमाव से परेशानी
  • कमरे के कारण कार्यालय कक्ष का अभाव
  • चहारदीवारी की अभाव में बच्चे असुरक्षित
  • पुराने भवन से विद्यार्थी और शिक्षकों को परेशानी

इस विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 416 है। नए भवन के सामने चहारदीवारी का अभाव है। पुराने भवन में जलजमाव होता है। कमरे की कमी से वर्ग कक्ष में ही कार्यालय चल रहा है। नई भवन निर्माण के लिए विभाग को कई बार लिखित जानकारी दी गई है। सभी शिक्षक समय पर विद्यालय आ रहे हैं। - निरंजन कुमार, प्रधानाध्यापक

ये भी पढ़ें- Manvi Madhu: पिता का छूटा साथ, पढ़ाई के लिए आश्रय गृह में की नौकरी; अब बनीं पहली ट्रांसजेंडर दारोगा

ये भी पढ़ें- JoSAA IIT Seat Allotment: जेईई एडवांस में शामिल होने के लिए विड्रॉ करनी होगी आईआईटी की सीट, ये है लास्ट डेट

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।