Bihar Flood News गंगा का जलस्तर में हर दिन इजाफा हो रहा है। पिछले दो दिनों में 48 सेमी जलस्तर बढ़ा है। मतलब एक घंटे में एक सेमी पानी बढ़ रहा है। शनिवार की शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 38.34 मीटर पर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि दो दिनों में गंगा डेंजर लेवल को पार कर सकती है।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। मुंगेर में गंगा के जलस्तर के खतरे का निशान 39.33 मीटर है। चेतावनी स्तर 38.33 मीटर है। गंगा का जलस्तर 38.34 मीटर पर पहुंच गया। अभी भी खतरे के निशान से 99 सेमी नीचे है। जबकि वार्निंग लेवल से एक सेमी अधिक है। जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा से सटे निचले इलाके में पानी फैलने लगा है।
इस कारण पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थल की ओर पलायन कर रहे हैं। अक्सर यह देखा जाता है कि बाढ़ की स्थिति अगस्त के दूसरे सप्ताह से लेकर अंतिम सप्ताह तक उत्पन्न होता है।
ऐसे में लोगों के मन में यह आशंका हमेशा बनी रहती है कि कब बाढ़ आ जाए तथा उन्हें दूसरे स्थानों पर जाना पड़े। जिले के कुल नौ में से छह प्रखंडों के कुल 33 पंचायत जल से प्रभावित होते हैं।
जिसमें सदर प्रखंड की आठ, जमालपुर के पांच, धरहरा के तीन, बरियारपुर के 11, हवेली खड़गपुर के चार तथा असरगंज की दो पंचायत शामिल हैं। इसमें 18 पंचायत बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित होते हैं, जबकि 15 पंचायत आंशिक रुप से प्रभावित होते हैं।
खड़गपुर की चार पंचायतों में मंडरा रहा खतरा,
किसान चिंतित
हवेली खड़गपुर (मुंगेर) में गंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि से प्रखंड की चार पंचायतों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इन पंचायतों के लोग बाढ़ के खतरे को लेकर सहमे हुए हैं।
प्रखंड की मंझगांय पंचायत, नाकी पंचायत, बहिरा पंचायत और अग्रहण पंचायत के लगभग एक दर्जन गांवों के किसानों के लगभग तीन सौ एकड़ में लगी धान के फसल डूब गए हैं। जिससे इन क्षेत्रों के किसान चिंतित हो गए हैं।
मंझगांय गांव के किसान रामगुलाम सिंह ने बताया कि अचानक गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने से बाढ का पानी अग्रहण पंचायत के मंझगांय गांव के समीप खेतों में लगी धान की फसल को पूरी तरह डुबो दिया है। खेतों में फसल डूबने से खेत पूरी तरह जलमग्न हो गया है। जिससे धान की फसल के बर्बाद होने की अधिक संभावना है।
उन्होंने बताया कि जलस्तर काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि फोर लेन के निर्माण से यह संभावना बढ़ी थी कि इन इलाकों में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद पूर्व की तरह फसल को नुकसान नहीं पहुंचेगा लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने से उसी प्रकार खेत में लगी फसल डूब गए हैं।
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