बिहार में फर्जीवाड़ा: दो जगहों पर तैनात हैं एक ही नाम के 23 शिक्षक, ऐसे हुआ मामले का पर्दाफाश
ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने के बाद यह तथ्य छनकर सामने आया कि एक ही नाम व प्रमाण पत्र पर दो-दो स्थान पर शिक्षक काम कर रहे हैं तथा वेतन भी पा रहे हैं। इसमें जिले के एक-दो नहीं कुल 23 शिक्षकों का नाम शामिल हैं। ये ऐसे शिक्षक हैं जो मुंगेर जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रारंभिक विद्यालयों में नियोजित शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
मनीष कुमार, मुंगेर। शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरे। ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने के बाद यह तथ्य छनकर सामने आया कि एक ही नाम व प्रमाण पत्र पर दो-दो स्थान पर शिक्षक काम कर रहे हैं तथा वेतन भी पा रहे हैं।
इसमें जिले के एक-दो नहीं कुल 23 शिक्षकों का नाम शामिल हैं। ये ऐसे शिक्षक हैं जो मुंगेर जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रारंभिक विद्यालयों में नियोजित शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इन्हीं शिक्षकों के नाम तथा प्रमाण पत्र पर राज्य के विभिन्न जिलों में दूसरे शिक्षक भी कार्यरत हैं।
इस प्रकार कहें तो एक ही नाम तथा एक ही प्रमाण पत्र दो-दो जगह शिक्षक कार्यरत हैं। इस मामले के सामने आते ही शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। विभाग अब इस मामले के जांच की तैयारी में जुट गया है तथा इससे संबंधित सभी तथ्य जुटाने में लग गया है।
2006 से शुरू हुई थी बहाली
बिहार में 2006 से नियत मानदेय पर नियोजित शिक्षकों की बहाली शुरू हुई थी। इसके बाद से 2023 तक सात चरणों में शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया संचालित की गई। इस क्रम में कई स्तरों पर नियोजन इकाई के माध्यम से शिक्षकों का नियेाजन किया गया। इसके तहत ग्राम पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद तथा नगर निकाय स्तर पर गठित नियोजन इकाईयों के माध्यम से शिक्षकों का नियोजन किया गया। इस क्रम में कई बार बड़े स्तर पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा उठा।
इसके बाद पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच का निर्देश निगरानी विभाग के माध्यम से कराने का निर्देश दिया। निगरानी विभाग की ओर से नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के क्रम में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों पर शिक्षकों के नियोजन का मामला सामने आया, फिर बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया तथा फर्जी शिक्षकों ने इस्तीफा भी दिया। इसके बावजूद अब भी फर्जी दस्तावेज पर शिक्षकों के नियुक्ति का मामला सामने आ रहा है।
डाटा ऑनलाइन होने से सामने आया मामला
बताया जाता है कि शिक्षा विभाग की ओर से नियोजित शिक्षकों की समक्षता परीक्षा आनलाइन संचालित करने का निर्णय लिया गया। इसको लेकर नियोजित शिक्षकों से आनलाइन आवेदन मांगा गया। इस क्रम में नियोजित शिक्षकों ने जब अपना डाटा आनलाइन अपलोड किया तब जाकर यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। अब शिक्षा विभाग मामले की जांच में जुट गया है। जांच के बाद विभागीय गाज तो गिरेगा ही साथ ही कार्रवाई के जद में भी सभी आएंगे।
एक नाम अथवा दस्तावेज पर दो स्थानों पर शिक्षकों के काम करने का जो भी मामला सामने आ रहा है, उसकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद विभागीय निर्देश पर ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। - असगर अली, जिला शिक्षा पदाधिकारीये भी पढ़ें- Bihar 5G Network: 1100 करोड़ से बिहार में बिछेगा नेटवर्क का जाल, जून 2025 तक BSNL लाएगा फाइव-जी
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