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लौहनगरी को मिला इलेक्ट्रिक इंजन शेड का तोहफा, बहुरेंगे डीजल शेड कारखाना के दिन

मुंगेर । लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच लौहनगरी को रेल मंत्रालय ने बड़ा तोहफा मिला ह

By JagranEdited By: Updated: Fri, 28 May 2021 07:31 PM (IST)
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लौहनगरी को मिला इलेक्ट्रिक इंजन शेड का तोहफा, बहुरेंगे डीजल शेड कारखाना के दिन

मुंगेर । लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच लौहनगरी को रेल मंत्रालय ने बड़ा तोहफा मिला है। देश के पहले रेल इंजन कारखाना जमालपुर के दिन अब बहुरने वाले हैं। जमालपुर में डीजल शेड की जगह इलेक्ट्रिक लोको शेड बनेगा। इस बात की सहमति रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मुंगेर सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को पत्र भेजकर दी है। इलेक्ट्रिक शेड चालू हो जाने से इसकी खोई गरिमा फिर से वापस लौट आएगी। जमालपुर रेल कारखाना में इलेक्ट्रिक शेड के साथ-साथ मेमू (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) रैक का मेंटेनेंस होगा। डीजल शेड बंद होने की आहट से रेलकर्मियों के चेहरे मुरझा गए थे, लेकिन रेल मंत्री के पत्र की जानकारी मिलते ही रेलकर्मियों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

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मालदा रेल मंडल का पहला इलेक्ट्रिक लोको शेड होगा अभी पूर्व रेलवे में इलेक्ट्रिक इंजन और मेमू रैक का रखरखाव पश्चिम बंगाल के लिलुआ, रेल कारखाना सियालदह में होता है। जमालपुर में इलेक्ट्रिक शेड चालू होने के बाद मेमू के मेंटेनेंस का कार्य जमालपुर में ही होगा। यह मालदा रेल मंडल का पहला इलेक्ट्रिक शेड होगा। अभी मालदा रेल मंडल में एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन से हो रहा है। मेमू रैक की भी चल रही है। रेल सेक्शन का विद्युतीकरण कर देने के बाद इलेक्ट्रिक शेड की कमी महसूस हो रही थी। जमालपुर रेल कारखाना में शुरू होने वाले इलेक्ट्रिक शेड में पूर्व मध्य रेलवे की मेमू और इंजनों का रखरखाव जमालपुर में ही हो सकेगा।

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रंग लाई सांसद ललन सिंह की पहल, संसद में उठाया था मामला

डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने का मुद्दा संसद में उठा। 15 और 16 मार्च को लोकसभा में रेल बजट 2021-22 के अनुदान मांग पर चर्चा करते हुए सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में जमालपुर में डीजल शेड कारखाना की जगह इलेक्ट्रिक शेड का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। सांसद ने जमालपुर कारखाना एवं डीजल शेड के सैकड़ों वर्ष पुराने ऐतिहासिक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा था कि जमालपुर शहर का 75 प्रतिशत भू भाग रेलवे के अधीन है। जहां जमालपुर रेल इंजन कारखाना के अलावे डीजल शेड कारखाना है। अंग्रेजों के जमाने से ही यहां रेल कारखाना संचालित है। डीजल शेड में कोरोड़ों की आधारभूत संरचना उपलब्ध है। उन्होंने उस जगह को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करते हुए इसका उपयोग रेल व कर्मचारियों के हित में करने की मांग की थी। सांसद की पहल का असर दिखा, अब रेलमंत्री ने इलेक्ट्रिक शेड बनाए जाने पर सहमति दे दी।

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स्थानीय संगठन व यूनियन ने भी किया था संघर्ष डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने व वर्क लोड बढ़ाते हुए कर्मचारियों का किए जा रहे स्थानांतरण को रोकने को लेकर ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन ऑनलाइन शाखा के सचिव केडी यादव ने तीन बार जिले के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को लिखित व मौखिक रूप से आवेदन देकर इस दिशा में पहल की मांग की थे। इसके अलावा डीजल शेड को लेकर जमालपुर में रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा, जमालपुर विकास मंच सहित विभिन्न संगठनों ने भी काफी समय तक आंदोलन किया।

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सांसद के प्रयास ने डीजल शेड को मिला संजीविनी

प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सौरव निधि, जिलाध्यक्ष संतोष सहनी, प्रवक्ता विमलेंदु राय, युवा जदयू नेता विक्की कुमार ने जमालपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने की सहमति मिलने पर सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को बधाई दी है। जदयू नेताओं ने कहा कि सांसद ने बीते बजट सत्र में 15 और 16 मार्च को वर्ष 2021-22 के लिए रेल की अनुदान की मांगों पर चर्चा के दौरान जमालपुर डीजल शेड का बिजली शेड में परिवर्तन करने का मुद्दा लोकसभा में उठाया था। इस मामले पर रेल मंत्री ने सांसद को पत्र के माध्यम से यह सूचित किया है कि डीजल लोको शेड जमालपुर की अवसंरचना और जनशक्ति का भी बिजली रेल इंजनों के अनुरक्षण में उपयोग किया जाएगा। सांसद की इस पहल और रेल मंत्रालय के निर्णय से जमालपुर डीजल शेड में कार्यरत लाखों परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। रेलकर्मियों के सामने जो विस्थापन की समस्या हो रही थी, उसका निदान हो पाएगा। साथ ही इस निर्णय से मुंगेर की अर्थव्यवस्था पर भी अनुकूल असर पड़ेगा। सांसद के प्रयास से एशिया के सबसे पुराने रेल कारखाने जमालपुर को मृतप्राय होने से बचाया जा सकेगा।

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