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बिहार के मुंगेर में किसान परेशान, शाम पांच बजते ही चली जाती है बिजली, कैसे करें रबी फसलों की सिंचाई?

मौसम के साथ किसान रबी की फसलों की सिंचाई की तैयारी में हैं लेकिन उन्‍हें पर्याप्त बिजली का इंतजार है। मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के किसान इसी वजह से परेशान हैं। यहां शाम पांच बजते ही बिजली चली जाती है और सुबह आठ-नौ बजे के बाद आती है इससे किसानों को सिंचाई में परेशानी होती है। इन्‍होंने संबंधित विभाग से बिजली की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है।

By Rajnish Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 26 Dec 2023 04:13 PM (IST)
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खेत में कुदाल से किसानी करते किसान- जागरण।
संवाद सूत्र, हेमजापुर (मुंगेर)। कड़ी मेहनत से अनाज पैदा कर सभी को खुश रखने वाले धरहरा प्रखंड के अन्नदाता इन दिनों बिजली की कम आपूर्ति से परेशान दिख रहे हैं। प्रखंड की हेमजापुर, बाहाचौकी और शिवकुंड पंचायत के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। सूर्योदय से पहले ही किसान अपने खेतों की ओर रूख कर जाते हैं, वह भी इसलिए कि बिजली मिली तो खेतों की सिंचाई कर लेंगे।

बिजली की समय सीमा बढ़ाने का किसानों ने किया अनुरोध

काफी देर बाद सुबह आठ-नौ बजे के बाद बिजली आने से किसान निराश दिख रहे हैं। शाम पांच बजते ही बिजली चली जाती है, जिससे किसानों को सिंचाई का कार्य अधूरा छोड़ना पड़ रहा है।

किसानों का कहना है कि बिजली की समय सीमा बढ़ाई जाए ताकि किसान देर रात तक सिंचाई कर सके। तीनों पंचायत के किसानों ने विभाग से पर्याप्त मात्रा में बिजली की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध विभाग से किया है।

बिजली के अभाव में रबी की फसलों की सिंचाई में परेशानी

दरअसल, सुंदरपुर, बाहाचौकी, दुर्गापुर, हेमजापुर, चांद टोला, बड़ी लगमा, मिर्जाचक, निषाद टोला, छर्रापट्टी व शिवकुंड के किसान बिजली चालित बोरिंग से खेतों की सिंचाई करते आ रहे हैं। हेमजापुर टाल को छोड़कर बाकी अन्य जगहों पर कुआं की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

ऐसे में सभी किसानों को बिजली पर आश्रित रहना पड़ रहा है। पर्याप्त बिजली के अभाव में किसान रबी फसलों की सिंचाई करने में असमर्थ नजर आ रहे हैं।

किसानों का कहना है कि डीजल की कीमतों में और अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण वे लोग सिंचाई के लिए बिजली पर आश्रित हैं लेकिन पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही।

ध्यान देने की जरूरत

क्षेत्र के रबी उत्पादक किसानों का कहना है कि एक तो किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिलती, मिलती है तो उसमें भी कटौती कर ली जा रही है। बिजली आपूर्ति का समय सीमा बढ़ाया जाए तो सभी किसान समय पर खेतों में सिंचाई कर सकेंगे।

किसानों को ठंड में भी खेतों पर बिजली का इंतजार करना पड़ रहा है। किसान पुत्र रुस्तम कुमार, नीरज कुमार, निर्भय कुमार सहित कई किसानों ने कहा कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति रात्रि 10 बजे तक निर्वाध रूप से होनी चाहिए ताकि किसानों को सिंचाई के लिए किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।

गेहूं को ज्यादा सिंचाई की जरूरत

इन तीन पंचायत क्षेत्र के टाल में गेहूं, चना, मटर, मकई, सरसों सहित अन्य फसलों का उत्पादन किया जाता है। गेहूं के उत्पादन के लिए किसानों को लगातार तीन-चार बार सिंचाई करनी पड़ती है। ऐसे में किसानों को अधिक बिजली की जरूरत पड़ रही है।

क्षेत्र के किसानों ने बताया कि रविवार को हेमजापुर टाल में दिनभर बिजली कटी रही। क्षेत्र के किसान शशि प्रसाद सिंह, अरविंद महतो, फेकन महतो ने किसानों को पर्याप्त बिजली देने की मांग बिजली विभाग के अधिकारियों से की है।

किसानों की सुनें

तीनों पंचायत क्षेत्र के टाल में बिजली कभी नियमित नहीं रहती। अगर बिजली की समय सीमा बढ़ाई जाएगी तो सिंचाई में दिक्कत नहीं होगी- लक्ष्मी प्रसाद सिंह।

सुबह से लेकर रात दस बजे तक बिजली की किसानों को अधिक जरूरत है। विभाग के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है- शशि प्रसाद सिंह।

फसल को समय पर सिंचाई व्यवस्था नहीं मिली तो फसल खराब हो सकती है। पानी के लिए बिजली की उपलब्धता जरूरी है- अरविंद महतो।

गेहूं और आलू की सिंचाई के लिए पर्याप्त समय है, इसलिए बिजली में अभी कटौती नहीं होना चाहिए। रात 10 बजे तक बिजली मिले- फेकन महतो।

किसानों को बिजली पर्याप्त मात्रा में मिले यह विभाग की प्राथमिकता है। लेकिन, ऊपरी स्तर से ही आठ घंटे ही बिजली देने का रोस्टर तैयार किया गया है। निर्धारित समय सीमा के अंदर ही किसानों को सिंचाई करने की व्यवस्था करनी होगी- मुकेश कुमार, जेई, जमालपुर।

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