Bihar: जो मुंगेर अवैध हथियारों के लिए रहा बदनाम, वहीं एक युवा इंजीनियर गढ़ रहा जिले की अलग पहचान
जो मुंगेर अवैध हथियारों के लिए कुख्यात रहा है वहां एक युवा अब उसी लोहे से मुंगेर की नई पहचान गढ़ रहा है। खुद के साथ-साथ एक दर्जन अन्य युवाओं को घर में रोजगार उपलब्ध करवाकर उन्हें स्वावलंबन की राह दिखा रहा है। इंजीनियर अमित कुमार द्वारा खोली गई रॉयल स्ट्रॉक्स इंडस्ट्रीज में मालगाड़ियों और ट्रेनों के कोचों में लगने वाले एयर ब्रेक कंपोनेंट तैयार हो रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 08 Aug 2023 07:00 PM (IST)
मुंगेर, रजनीश। जो मुंगेर अवैध हथियारों के लिए कुख्यात रहा है, वहां एक युवा अब उसी लोहे से मुंगेर की नई पहचान गढ़ रहा है। खुद के साथ-साथ एक दर्जन अन्य युवाओं को घर में रोजगार उपलब्ध करवाकर उन्हें स्वावलंबन की राह दिखा रहा है।
इंजीनियर अमित कुमार द्वारा खोली गई रॉयल स्ट्रॉक्स इंडस्ट्रीज में मालगाड़ियों और ट्रेनों के कोचों में लगने वाले एयर ब्रेक कंपोनेंट तैयार हो रहे हैं। मुंगेर जिले के मक्कसपुर निवासी अमित कुमार द्वारा बनाए गए एयर ब्रेक कंपोनेंट को अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ ने जांच कर प्रमाणन दिया है।
इन जगहों पर करते हैं एयर ब्रेक कंपोनेंट की आपूर्ति
एयर ब्रेक कंपोनेंट की आपूर्ति चेन्नई, जमालपुर, पश्चिम बंगाल, झांसी, गोरखपुर व सेंट्रल रेलवे मुंबई के रेल कारखानों में की जाती है। पिछले डेढ़ वर्ष में इन्होंने 60 लाख रुपये के उपकरण इन कारखानों को भेजे हैं।30 वर्षीय अमित कुमार स्कूल के समय से ही मेधावी रहे हैं। चेन्नई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, उसके बाद बिजनस मैनेजमेंट किया। परिवार में शुरू से ही व्यवसाय का माहौल था।
दादा भी मैकेनिकल पार्ट्स बनाने का करते थे काम
अमित के दादा हीरालाल शर्मा आइटीसी (इंडियन टोबैको कॉरपोरेशन), मुंगेर को कुछ ऐसे मैकेनिकल पार्ट्स बनाकर दिया करते थे, जो उस जमाने में विदेश से आते थे।अमित के पिता दीपक प्रसाद का भी अपना अलग कारखाना है। वे मुंगेर स्थित जमालपुर रेल फैक्ट्री को इंजन के कुछ कंपोनेंट बनाकर देते थे। उन्होंने ही अमित को बताया कि एयर ब्रेक कंपोनेंट कोलकाता से बनकर आते हैं और काफी अधिक कीमत पर मिलते हैं।
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