गंगा पुल के एप्रोच पथ में फंसा है टोपो लैंड का पेंच
मुंगेर। गंगा ब्रिज पर बनने वाले एप्रोच पथ को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया म
मुंगेर। गंगा ब्रिज पर बनने वाले एप्रोच पथ को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में टोपो लैंड का पेंच फंसा हुआ है। 2016 में टोपो लैंड की जमीन को सराकरी जमीन घोषित किए जाने के बाद एक ओर प्रशासन ने जमीन पर हक जताने वाले रैयतों की जमाबंदी को रद करने के लिए नोटिस जारी कर रही है। दूसरी ओर टोपो लैंड पर वर्षो से कायम किसान जमीन पर अपना दावा करते हुए बिना मुआवजा जमीन नहीं देने पर अड़े हुए हैं।
इस जमीन पर अभी अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा फिलहाल किसानों को जमाबंदी रद होने की नोटिस दे रही है। इसे लेकर टोपों लैंड की जमीन पर वर्षो से कायम लगभग डेढ़ सौ किसानों के बीच असंतोष पनप रहा है। रैयत मामले को न्यायालय तक ले जाने की तैयारी में हैं। ऐसे में शेष मौजा की जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर भी लिया गया तो टोपो लैंड के सात मौजा की जमीन अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यदि इस जमीन पर अधिग्रहण को लेकर सरकार अपनी नीति में बदलाव नहीं लाती तो एप्रोच पथ का भी वहीं हाल हो सकता है जो अब तक घोरघट व बरियारपुर ओवर ब्रिज का है।
गौरतलब हो कि एप्रोच पथ के लिए जिले में कुल 34 मौजा की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इनमें सात मौजा जमीन टोपो लैंड में हैं। दो मौजा कृषि विभाग की जमीन सहित शेष 25 मौजा के जमीन अधिग्रहण के लिए मापी और किसानों के बीच मेुआवजा वितरण का कार्य जारी है।