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    Bihar Politics: एनडीए को देख राजद ने भी उतारा वैश्य चेहरा, मुंगेर जिले की 3 सीटों पर मुकाबला रोचक

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 05:14 PM (IST)

    मुंगेर जिले में एनडीए ने तीन विधानसभा सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाया है। वहीं, राजद ने भी आखिरी समय में तारापुर से वैश्य समाज के अरुण कुमार को मौका दिया है। जिले में एक लाख से ज्यादा वैश्य वोटर हैं, जिनका समर्थन पाने के लिए दोनों दल जोर लगा रहे हैं। भाजपा ने पहले वैश्य समाज को मौका नहीं दिया था, जिसका फायदा राजद ने उठाया था।

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    तेजस्वी यादव और लालू यादव।

    रजनीश, मुंगेर। जिले की तीन विधानसभा सीटों मुंगेर, जमालपुर और तारापुर में एनडीए ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है। मुंगेर से निवर्तमान भाजपा विधायक प्रणव कुमार की जगह कुमार प्रणय को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पहली बार तारापुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। जदयू से यह सीट भाजपा को स्थानांतरित की गई है।

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    जमालपुर विधानसभा से चार बार के विधायक और मंत्री रहे शैलेश कुमार की जगह युवा और जदयू जिलाध्यक्ष नचिकेता मंडल पर पार्टी ने भरोसा जताया है। जनता के बीच तीनों नए चेहरे अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जा रहे हैं।

    कुमार प्रणय वैश्य समाज से आते हैं। ऐसे में जमालपुर और तारापुर विधानसभा क्षेत्र के वोटर भी एनडीए की तरफ गोलबंद होंगे। वहीं, राजद ने भी आखिरी वक्त पर नामांकन से एक दिन पूर्व तारापुर से वैश्य समाज के अरुण कुमार को फिर से मौका दिया है।

    ऐसे में वैश्य समाज किसके गोद में बैठेंगे, दोनों दल जोर-आजमाइश कर रहे हैं। जिले में एक लाख से ज्यादा वैश्य वोटरों की संख्या है। सिर्फ तारापुर विस में 25 से 30 हजार वैश्य वोटर हैं। मुंगेर में 50 से 55 हजार है। 20 से 25 हजार वोटर जमालपुर विधानसभा में है।

    राजद ने पहले भी किया है प्रयोग, मिली सफलता

    भाजपा में जिले से वैश्य चेहरा का मौका नहीं मिला था। वैश्य समाज को एनडीए का कोर वोटर माना जाता है। अरसे से समाज से टिकट देने मांग की जा रही थी। 2009 में भी भाजपा ने वैश्य समाज से आने वाले विश्वनाथ गुप्ता को 2009 के मुंगेर सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट नहीं दिया था। इसका खामियाजा भी भाजपा को उठाना पड़ा।

    राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भाजपा नेता को राजद का टिकट दिया। उन्हें वैश्य समाज और भाजपा समर्थक वोटरों का परोक्ष समर्थन मिला और वे जीत गए। यह जीत राजद की रही, लेकिन संकेत भाजपा के लिए सकारात्मक थे। 2020 का चुनाव भाजपा के लिए निर्णायक रहा।

    राजद ने 2021 के उपचुनाव में तारापुर विधानसभा से वर्तमान प्रत्याशी अरुण कुमार को मैदान में उतारा। हालांकि, यह जदयू उम्मीदवार से लगभग 3300 के करीब वोट से हार गए, लेकिन इनके पक्ष में वैश्य समुदाय को 70 से 75 प्रतिशत वोट मिला था। इन्होंने एनडीए के कोर वोटर में सेंधमारी कर ली।

    आखिरी समय में राजद ने पलटी बाजी

    इस बार महागठबंधन में सीटों का बंटवारा और सीट शेयरिंग में काफी विलंब हुआ। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के खास कहे जाने वाले सकलदेव बिंद ने तारापुर से नामांकन तो निर्दलीय कर दिया, लेकिन उन्हें आश्वस्त किया गया था कि तारापुर सीट इस बार राजद से वीआईपी को मिल रहा है। इस कारण वह कई माह से प्रचार-प्रसार कर रहे थे।

    मुंगेर में जब भाजपा ने वैश्य उम्मीदवार उतारा तो आखिरी वक्त पर राजद ने अरुण कुमार को मौका दे दिया। अरुण कुमार मूल रूप से असरगंज प्रखंड के रहने वाले हैं। स्थानीय के कारण इन्हें वैश्य समुदाय का सपोट मिलता है।