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अब श्रीकृष्ण सेतु पर ओवरलोड वाहन नहीं दे सकेंगे चकमा, NHAI ने निकाला गजब का उपाय

Bihar News श्रीकृष्ण सेतु पर ओवरलोड वाहनों की जांच के लिए मोबाइल ब्रिज इंस्पेक्शन यूनिट लगाई जाएगी। यह नवंबर तक शुरू हो जाएगी। इससे वाहनों के वजन की जांच होगी और निर्धारित क्षमता से अधिक वजन ढोने वाले वाहनों से जुर्माना वसूल किया जाएगा। सेतु पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं ताकि दुर्घटना और अपराध की निगरानी हो सके।

By Rajnish Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 22 Oct 2024 03:45 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
संवाद सहयोगी, मुंगेर। श्रीकृष्ण सेतु पर ओवरलोड वाहन चालक पुलिस और खनन विभाग को चकमा नहीं दे सकेंगे। श्रीकृष्ण सेतु पर जल्द ही मोबाइल ब्रिज इंस्पेक्शन यूनिट (एमबीआइयू) लगेगी। इस दिशा में एनएचएआइ ने कवायद तेज कर दी है। नवंबर तक यह यूनिट श्रीकृष्ण सेतु के पास बने टोल प्लाजा में काम करने लगेगी।

इससे मालवाहक गाड़ियों के वजन की ऑन स्पाट जांच की जाएगी। निर्धारित क्षमता से अधिक वजन ढोने वाले वाहनों से जुर्माना वसूल किया जाएगा।

एनएचएआइ के परियोजना निदेशक प्रमोद कुमार महतो ने बताया कि ओवरलोड वाहनों से जहां विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं सडक़ें भी समय से पहले खराब हो रही हैं। अभी श्रीकृष्ण सेतु के एप्रोच पथ पर बांक मोड़, तेलिया तालाब और सफियासराय के समीप हाई क्वालिटी वाला सीसीटीवी लगाया गया है।

निगरानी के लिए लगाए गए कई सीसीटीवी कैमरे'

श्रीकृष्ण सेतु के एप्रोच पथ पर सड़क दुर्घटना और अपराध की निगरानी के लिए कई सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। यह कैमरा बांक मोड़, तेलिया तालाब, और सफियासराय के समीप लगे हैं। कैमरा लगने से अपराध व दुर्घटना के बाद भागने वाहनों और बदमाशों को खोजबीन में काफी मदद होगा।

कैमरे के माध्यम से मार्ग पर चलने वाले वाहनों की मानिटरिंग होगी। वहीं, नंवबर माह तक सेतु पर लगे सभी लाइटें चालू कर दी जाएगी।

बता दें कि, पुल के शुभारंभ होने के बाद से ही सेतु पर लगे लाइटें बंद है। अंधेरे में पुल से गुजरना होना पड़ता है। लाइट चालू होने के बाद वाहन चलाने वालों को राहत मिलेगी। एनएचएआइ की ओर से टीओपी के समीप कंट्राेल रूम भी बनाया गया है।

सेतु पर लगे स्ट्रीट लाइट को चालू करने के लिए बलिया के कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा गया है। नवंबर माह में लाइटें चालू हो जाएगी। एप्रोच पथ पर तीन जगहों पर सीसीटीवी लगाए गए है। ओवरलोड वाहनो की जांच के लिए टोल प्लाजा में मोबाइल ब्रिज इंस्पेक्शन उपकरण भी अगले माह तक लगेगा। इससे ओवरलोड वाहनों को पकड़ने में आसानी होगी।-प्रमोद कुमार महतो, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ

रैक प्वाइंट के ओवरलोड वाहनों पर अधिकारी मेहरबान

उधर, किशनगंज में परिवहन विभाग के अधिकारी भी अपने निराला अंदाज में कार्रवाई करते हैं। किसी को छूट दी जाती है तो कहीं सख्ती से जुर्माना वसूला जाता है। इसी वसूल से चल रहे परिवहन विभाग के अधिकारी मानो शहर के रेलवे रैक प्वाइंट से निकलने वाले ओवरलोड वाहन पर मेहरबानी दिखाते नजर आते हैं।

रेलवे रैक प्वाइंट से ओवरलोड वाहनों का काफिला निकलता है वहीं इसमें अधिकांश वाहन अनफिट भी होते हैं। खासकर जब एफसीआई के अनाज का रैक पहुंचता है तब दो-तीन दिनों तक शहर में ओवरलोड ट्रैक्टर का मानो रैली निकली हो इस तरह से रैक प्वाइंट से ओवरलोड ट्रैक्टर का संचालन संवेदक द्वारा किया जाता है।

क्षमता से अधिक माल लोड कर शहर के सड़क पर काल की तरह ट्रैक्टर दौड़ता है। वहीं परिवहन विभाग के कार्यालय के ठीक सामने रेलवे स्टेशन सर्विस रोड पर सैकड़ों ओवरलोड वाहन गुजरता लेकिन इसे रोकटोक करना अधिकारी मुनासिब नहीं समझते।

रैक प्वाइंट से गोदाम तक अनाज पहुंचाने वाले संवेदक नियम कानून को ताक पर रखकर अपनी बचत देखते हुए एक ट्रैक्टर पर लगभग डबल ट्रैक्टर क्षमता का माल लोड करवाकर ढुलाई करवाता है। सड़क पर भीड़भाड़ बाजार के बीच से रैक प्वाइंट से निकलकर ट्रैक्टर संचालित होता है जो हादसे की आशंका को दावत देते रहता है।

बावजूद परिवहन और यातायात विभाग के अधिकारी रैक प्वाइंट के ओवरलोड वाहन पर कार्रवाई करने के लिए कदम नहीं बढ़ाते हैं। ऐसे ओवरलोड अनाज लदे ट्रैक्टर पर इतनी अधिक मात्रा लोड रहता है कि देखने से मानो लोगों को दुर्घटना का भय होने लगता है।

वहीं, ट्रैक्टर भी क्षमता से अधिक माल परिवहन में असंतुलित होते रहता है। कई बार छोटा मोटा हादसा होते भी रहता है फिर भी अधिकारी सजग नहीं होते हैं। 

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