अभिभावकों को छोड़िए... यहां तो प्रधानाध्यापक तक के बच्चे दो-दो स्कूल में नामांकित, सरकारी योजनाओं के लालच ने डुबोया
बिहार में शिक्षा विभाग की सख्ती से हर कोई वाकिफ है लेकिन फिर भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं। कई अभिभावकों ने अपने बच्चों का नाम एक साथ दो विद्यालयों में लिखा रखा था। खैर हैरानी तो इस बात पर होती है कि एक प्रधानाध्यापक ने भी ये काम किया हुआ है। सरकारी योजनाओं के लाभ के लालच में दो विद्यालयों में बच्चे का नाम लिखा रखा था।
By Ajit PathakEdited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 10 Oct 2023 11:23 AM (IST)
जागरण संवाददाता, मुंगेर। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर तीन दिनों तक लगातार विद्यालय से अनुपस्थित पाए गए बच्चों का नामांकन रद्द करने की कवायद चल रही है। इस कड़ी में जिले में नियमित विद्यालय नहीं आने पर 6912 बच्चों का नाम स्कूलों से काटा गया है।
इनमें कई बच्चे ऐसे बच्चे भी हैं, जो अपने माता-पिता के साथ दूसरे प्रदेश में रह रहे हैं। साथ ही कई अभिभावकों ने अपने बच्चों का नाम एक साथ दो विद्यालयों में लिखा रखा था।
अब इसमें एक नई कड़ी यह जुड़ रही है कि अभिभावक तो अभिभावक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने भी अपने बच्चों का नाम निजी और अपने कार्यरत स्कूल में भी लिखा रखा था।
शिक्षिका ने आवेदन देकर की शिकायत
जब यह मामला तूल पकड़ने लगा तो प्रधानाध्यापक ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र देकर उसका नामांकन अन्य विद्यालय में करवा दिया। मामला पकड़ में आने पर क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक शुभ्रो सान्याल ने इसे गंभीरता से लिया है।
उन्होंने इस मामले की जांच का आदेश मुंगेर के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को दिया है। दरअसल, निजी विद्यालय के अलावा जिस सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापाक के बेटे का नामांकन था, उसकी शिक्षिका ने क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को लिखित आवेदन देकर शिकायत की थी।
आवेदन में यह भी बताया गया है कि प्रधानाध्यापक के बेटे का नामांकन निजी विद्यालय के अलावा जिस विद्यालय में प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं वहां भी है। छात्र छठी व सातवीं कक्षा में वह एक भी दिन विद्यालय पढ़ने नहीं आया, लेकिन उसकी उपस्थिति लगातार बनती रही।
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