Munger University : छात्रों के लिए खुशखबरी, अब मुंगेर विश्वविद्यालय से भी कर सकेंगे पीएचडी, अधिसूचना भी जारी
मुंगेर विश्वविद्यालय से इतिहास फिलास्फी अंग्रेजी हिंदी अर्थशास्त्र उर्दू संस्कृत एआइएच एंड कल्चर होम साइंस भौतिकी रसायनशास्त्र गणित बाटनी सोशलाजी जुलाजी राजनीति शास्त्र आईआरपीएम बंगला पाली संगीत व कामर्स जैसे विषयों में छात्र और छात्राएं अब पीएचडी भी कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। मुंगेर विश्वविद्यालय में भी अब पीएचडी की पढ़ाई होगी। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है। यहां कुल 21 विषयों के लिए पीएचडी की पढ़ाई आरंभ होगी। नामांकन को लेकर प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। 15 मार्च को प्री-पीएचडी टेस्ट होगा।
बता दें कि मुंगेर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 21 विषयों के लिए पीएचडी की पढ़ाई आरंभ कर दी है। कुलपति प्रो. श्यामा राय के आदेश पर कुलसचिव डा. पुष्पेंद्र कुमार वर्मा ने अधिसूचना जारी कर दी है। 28 फरवरी तक नामांकन को लेकर आनलाइन आवेदन मांगा गया है।
15 मार्च को प्री-पीएचडी टेस्ट लिया जाएगा। मुंगेर विश्वविद्यालय के पीआरओ डा. प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि 21 विषयों में पीएचडी की पढ़ाई आरंभ की गई है। नामांकन को लेकर आवेदन मांगा गया है। इससे संबंधित सभी सूचनाएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित, बाटनी, जुलाजी, राजनीति शास्त्र, सोशलाजी, इतिहास, फिलास्फी, अंग्रेजी, हिंदी, अर्थशास्त्र, उर्दू, संस्कृत, एआइएच एंड कल्चर, होम साइंस, आईआरपीएम, बंगला, पाली, संगीत व कामर्स विषयों में छात्र पीएचडी कर सकेंगे।
विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र दुरुस्त करने की कवायद
इधर, बिहार के विश्वविद्यालयों के लडखड़ाए शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए सरकार के स्तर से तैयारी तेज कर दी गई है। मुंगेर विश्वविद्यालय भी ऐसे विश्वविद्यालयों में शामिल है जिनमें शैक्षणिक सत्र सही समय से नहीं चल रहा है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइन का पालन करने के प्रति कुलपतियों को आगाह किया है। इसके साथ ही शैक्षणिक सत्र को नियमित करने के लिए आठ सदस्यीय कमेटी भी बनाई है, जो इसी माह कुलपतियों को सुझाव भी देगी।
हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जुलाई 2023 तक सभी संस्थानों को अपनी दाखिले की प्रक्रिया को पूरा करने और एक अगस्त से पढ़ाई शुरू कराने का निर्देश दिया है। इसमें जो विश्वविद्यालय कोताही बरतेंगे, उन संस्थानों को यूजीसी अनुदान मिलने में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्यपाल सचिवालय ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को साफ तौर से कहा है कि 15 जनवरी के बाद विलंबित शैक्षणिक सत्र की परीक्षाएं और परीक्षाफल देने का एक कैलेंडर तैयार कर उपलब्ध कराएं।