यात्री बढ़े, राजस्व में भी इजाफा, सुविधाओं पर नहीं गई नजर
संवाद सूत्र मुंगेर कोसी-सीमांचल मिथिलांचल और उत्तरी बिहार को जोड़ने वाला मुंगेर स्टेशन
संवाद सूत्र, मुंगेर : कोसी-सीमांचल, मिथिलांचल और उत्तरी बिहार को जोड़ने वाला मुंगेर स्टेशन पर बदहाल है। जिस तरह से यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है, राजस्व बढ़ा है। वैसे में यात्रियों की सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। स्टेशन का इतिहास पुराना है, लेकिन छह वर्ष पहले यह स्टेशन नए स्वरूप में आया है। गंगा रेल पुल चालू होने के बाद मुंगेर स्टेशन रेलवे का लाइफ लाइन बन गया है। अब यह लाइफ लाइन खुद मझधार में फंस गया है। स्टेशन पर यात्रियों का आवागमन हर दिन चार से पांच हजार के आसपास है। यहां से जमालपुर, खगड़िया, सहरसा और बेगूसराय के लिए पांच ट्रेनें अप और डाउन में चलती हैं। मिथिलांचल के लिए जयनगर एक्सप्रेस भी है, इसके अलावा अगरतला और गांधीधाम के लिए एक-एक साप्ताहिक ट्रेन मुंगेर होकर गुजरती हैं।
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हर तरफ गंदगी, पेयजल बूथ भी बंद
प्लेटफार्म से लेकर हर जगह गंदगी फैली है। जिन्हें स्टेशन की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है। अपने काम से मुंह मोड़कर पूरा दोष मंडल पर फेंक देते हैं। स्टेशन पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हाल ही में डीआरएम यतेंद्र कुमार मुंगेर स्टेशन पहुंचे थे, उन्होंने स्टेशन प्रबंधक की खबर ली थी, इसके बाद भी स्टेशन प्रबंधक सफाई पर ध्यान देना उचित नहीं समझे। स्टेशन पर गर्मी आते ही पेयजल बूथ भी बंद है। ठंडा पेयजल मशीन नहीं लगाई गई है।
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कई समस्याएं है स्टेशन पर
स्टेशन पर शुद्ध पेयजल, गंदगी, शौचालय, विश्रामालय और लाइट की सुविधा नहीं है । रोशनी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं । अंधेरे का फायदा उठाने के लिए स्टेशन पर बदमाश सक्रिय रहते हैं। सुरक्षा की व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। आए दिन छिनतई भी होती है।
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कब चलेगी मेमू ट्रेन, यात्रियों को इंतजार
यात्रियों की संख्या बढ़ी तो राजस्व में भी इजाफा होने लगा, पर ट्रेन में कोचों की संख्या को नहीं बढ़ाया जा सका। इस रेल सेक्शन पर रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों की तादाद भी करीब दस गुना बढ़ गई है। रेल सेक्शन पर जब से परिचालन का शुभारंभ हुआ है तब से सात कोच की ट्रेन ही चल रही है। हर दिन एक ट्रेन में लगभग डेढ़ से दो हजार यात्रियों की भीड़ होती है। नतीजतन यात्री जान जोखिम में डाल खिड़की, दरवाजे पर लटक कर सफर करने को मजबूर हैं। ज्यादा भीड़ के कारण यात्रियों की जानें भी जा रही है। यात्री अब इस रूट पर मल्टीपल यूनिट यानी मेमू ट्रेन चलाने की मांग करने लगे हैं।
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केस स्टडी-एक
- यात्री सुनैना देवी बताया कि गर्मी में पानी की व्यवस्था नहीं है। गंदगी फैली रहती है। शाम में ट्रेन से उतरने के बाद पूरा स्टेशन परिसर अंधेरे में डूबा रहता है। गंदगी के कारण शौचालय का इस्तेमाल यात्री नहीं करते हैं।
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केस स्टडी-दो
यात्री गीता देवी ने कहा कि स्टेशन पर कई समस्याएं हैं। पानी, शौचालय व रोशनी का प्रबंध होना चाहिए। हर तरफ गंदगी फैली रहती है, कोई देखने वाला नहीं है। रेल अधिकारियों के निर्देश के बाद भी स्टेशन पर सुविधाओं को घोर अभाव रहता है।
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कोट
-स्टेशन पर गंदगी किसी भी सूरत में नहीं दिखे। यात्री सुविधाओं को लेकर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साफ-सफाई के लिए कई बार निर्देश दिया गया है।
-यतेंद्र कुमार, डीआरएम, मालदा।