Bihar News: पत्नी मूक बधिर और पति पैर से लाचार, नहीं मिली नौकरी तो आत्मनिर्भर बन चला रहे परिवार; ऐसे हो रही मोटी कमाई
मुंगेर जिले में एक दंपती दिव्यांग होने के बावजूद कमाई के मामले में मिसाल पेश पेश कर रहे हैं। दोनों ने स्वरोजगार कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया। छोटे-मोटे रोजगार और अपनी छोटी सी जमीन पर खेती-किसानी कर अपने बाल-बच्चों का भरण पोषण कर रहे हैं। पत्नी घर का कामकाज देखते हुए अपने दो पुत्र व एक पुत्री को स्कूल भी भेज रही है।
सहायता के नाम पर पेंशन राशि और ट्राई साइकिल
चंदन को दुख केवल इस बात का है कि 60 प्रतिशत विकलांग होने के बाद भी किसी तरह की सरकारी नौकरी उसे नहीं मिल पाई। वह दसवीं की परीक्षा दे चुका है। सरकार आठवीं पास दिव्यांग को नौकरी देती है।दोनों के प्रति गांव के लोगों में सहानुभूति है। कई तरह के समारोह में इनका ही (लाउडस्पीकर) बाजा गांव के लोग उपयोग में लाते हैं। दोनों स्वरोजगार कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। हम इसे आत्मनिर्भरता की दृष्टि से देखते हैं। -रंजू देवी,मुखिया बाहाचौकी पंचायत
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