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पश्चिम चंपारण में बरना पूजा के साथ 60 घंटे का लाकडाउन, तिनका तोड़ने पर भी मनाही

Bihar News मान्‍यता के अनुसार बरसात में बरसती प्रकृति की कृपा। नये पेड़-पौधे विकसित होने का समय। बगहा दो प्रखंड के मझौवा में बुधवार से ही चल रही थी तैयारी। भादो में मनाया जाने वाला बरना पर्व अलग-अलग तिथि पर विभिन्‍न गांवों में होता आयोजित।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 01:33 PM (IST)
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थारू समाज में बरना का पर्व आदि काल से मनाने की है परंपरा। फोटो- जागरण
बगहा (पचं), जासं। प्रकृति प्रेम के लिए पहचाने जाने वाले थारुओं का बरना महोत्सव गुरुवार से शुरू हो गया। मझौवा में प्रकृति पूजा करने के साथ ही थारू समाज के लोग घरों में प्रवेश कर गए। अब 60 घंटे बाद ही निकलेंगे। बगहा दो प्रखंड के मझौवा गांव में बुधवार से ही इसकी तैयारी चल रही थी। गुरुवार की सुबह लोगों ने खुद के भोजन की व्यवस्था तो की ही, जानवरों के लिए चारे की भी व्यवस्था की।

बता दें कि इस त्योहार में 60 घंटे तक घर से निकलने पर मनाही रहती है। माना जाता है कि बरसात में प्रकृति की कृपा बरसती है और नये पेड़-पौधे विकसित होते हैं। इस दौरान घर से निकलने पर पौधों को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है। इस वजह से 60 घंटे का स्वघोषित लॉकडाउन रहता है।

अलग-अलग तिथि पर गांवों में आयोजन

भारतीय थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष दीपनारायण प्रसाद ने बताया कि बरना का पर्व हमारे समाज में आदि काल से मनाया जाता है। इस पर्व के दिन लोग पर्यावरण की पूजा करते हैं और उसके बाद सभी लोग घर से बाहर निकलते हैं। मवेशियों के चारा सहित खाने-पीने के सामग्री की खरीदारी एक दिन पहले कर ली जाती है। जिसके बाद घर का कोई भी सदस्य किसी प्रकार का काम भी नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि भादो महीने में मनाया जाने वाला बरना पर्व एक ही दिन में समाप्त नहीं होता अलग-अलग तिथि पर अलग अलग गांवों में आयोजन होता है।

अगले साल थरूहट में एक ही दिन शुरू होगा बरना महोत्सव

भारतीय थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष ने बताया कि अगले साल इस पर्व को एक ही दिन पूरे इलाके में मनाया जाएगा। इसको लेकर 11 सितंबर को संघ भवन में कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित की गई है। जिसमें थरूहट के सभी तपा के गुमस्ता पदाधिकारी शामिल होंगे। उसी दिन बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि अगले साल सभी तपाओं में बरना का पर्व एक ही दिन मनाया जाय। बैठक में संघ के विस्तार सहित थरूहट क्षेत्र को सुखाड़ घोषित कराने के लिए सर्वे आदि मांगो पर विचार किया जाएगा।

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