Move to Jagran APP

समस्तीपुर के एक युवा डॉक्टर मरीजों को नियमित रूप से दे रहे निशुल्क सलाह, बढ़ा रहे आत्मविश्वास

कोरोना काल में हर चीज के बंद होने की नौबत आई खुले रहे तो केवल अस्पताल। जब हर मंदिर के दरवाजे बंद रहे तो भगवान डॉक्टर के रूप में मानवता की रक्षा के लिए लगातार तत्पर रहे। अधिकतर प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक ने अपना क्लीनिक बंद कर रखा है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 25 May 2021 02:26 PM (IST)
Hero Image
समस्‍तीपुर में मरीजों को न‍िशुल्‍क सलाह देने के ल‍िए बैठे डॉक्‍टर व‍िकास। जागरण

समस्तीपुर, जासं। कोरोना संक्रमण काल में जहां चिकित्सक शुल्क लेकर भी मरीजों को चिकित्सा सलाह देने से परहेज करते नजर आ रहे हैं वहीं समस्तीपुर शहर में एक युवा चिकित्सक ऐसे भी हैं जो गरीब मरीजों को नियमित रूप से निशुल्क सलाह दे रहे हैं। कोरोना काल में हर चीज के बंद होने की नौबत आई, खुले रहे तो केवल अस्पताल। जब हर मंदिर के दरवाजे बंद रहे तो भगवान 'डॉक्टर' के रूप में मानवता की रक्षा के लिए लगातार तत्पर रहे। अधिकतर प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक ने अपना क्लीनिक बंद कर रखा है। कुछेक युवा डॉक्टर मरीजों को सेवा दे रहे है। ऐसे में उम्मीद की किरण बने है डॉ. विकास कुमार।

इस महामारी के दौर में भी शहर के मगरदहीघाट स्थित लक्ष्मी टॉकिज के समीप अपने अस्पताल में सुबह से लेकर रात तक मरीजों को अपनी सेवा दे रहे है। इस महामारी के समय मरीजों को फिजिकल रूप से देख कर उनका इलाज कर रहे है। वह कहते हैं- पूरी टीम को विश्वास में लेकर मोर्चे पर तैनात हुआ। डरे-सहमे आने वाले मरीजों का आत्मविश्वास बढ़ाते हुए इलाज शुरू किया। मरीजों से दोस्ती की। उन्हें अपना फोन नंबर दिया। दिन-रात में मरीज के आने वाले फोन पर भी उनकी हरसंभव मदद की। इलाज में जुटे डॉक्टरों, नर्सों व कर्मियों के बीच खुद को रोल मोडल के रूप में पेश करने की चुनौती थी।

कोरोना संक्रमण के गुजरे 55 दिन में 250 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज का उपचार कर उन्हें स्वस्थ कर चुके हैं। उनके निजी क्लिनिक पर वैसे तो परामर्श शुल्क देकर चेकअप कराने वालों की भीड़ लगती है, लेकिन कोरोना संक्रमित मरीज को प्राथमिकताओं के आधार पर पहले देखते हैं। गरीब एवं निराश्रित मरीज से वह शुल्क भी नहीं लेते। मरीजों को सेवा से अबतक न तो कोई छुट्टी ली और न ही साप्ताहिक अवकाश। वह लगातार हर रोज मरीजों की सेवा में जुटे हैं। कोरोना से संक्रमित 22 मरीजों को अपने संस्थान में भर्ती कर जंग जीतने का भरोसा दिलाया। अब सभी स्वस्थ होकर पूरी तरह से सुरक्षित है।

दो महीने मरीजों की सेवा में लगातार कर रहे ड्यूटी

कोरोना काल में संक्रमण का सबसे अधिक खतरा डॉक्टरों को ही है। बावजूद धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर दिन-रात सेवा में जुटे हैं। पहले दिल्ली में अपनी सेवा दे रहे थे। डॉ. विकास इन दिनों में समस्तीपुर में ही पिछले एक साल से अब तक लगातार ओपीडी में मरीजों की उपचार में डटे रहे। साथ ही अधिक संक्रमित मरीज को भर्ती कर उनका हौसला बढ़ाते हुए कोरोना की जंग से जीत दिलाते है।

वह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण को लेकर घर में परिवार के लोग चिंतित रहते हैं। घर का माहौल यह होता है कि वहां बाहर से जाने पर सीधे इंट्री नहीं मिलती। रात साढ़े नौ या 10 बजे घर पहुंचने पर सीधे स्नानघर में प्रवेश होता है। जहां कपड़ा धोने के लिए डालने के बाद खुद गर्म पानी से स्नान कर घर में प्रवेश पाते हैं। तमाम चुनौतियों के बाद वह लगातार अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। उनका कहना है कि मरीजों की उम्मीदों पर भी खरा उतरना था। परिवार से जुड़ी अपनी जवाबदेही के बीच मैंने मरीज को महत्व दिया।घर वालों ने भी हमेशा मुझे मरीजों की सेवा के लिए प्रोत्साहित किया। मरीज जब उनके क्लीनिक से डिस्चार्ज होकर खुशी-खुशी घर लौटते हैं तब वो पल मेरे लिए अनमोल होता है। सबकी मेहनत से स्वस्थ्य हुआ मरीज उनकी टीम को महत्वपूर्ण होने का गौरवपूर्ण अहसास कराता है।

ऐसे करते हैं गरीब मरीज की पहचान

डॉ. विकास गरीब मरीज और जरूरतमंद मरीज की पहचान बीपीएल कार्ड से नहीं बल्कि उसके हालात देखकर करते हैं। संबंधित मरीज उनके क्लिनिक तक किस वाहन से पहुंचा तथा उसके परिवार में आजीविका का क्या साधन है एवं उसके तन पर कपड़े कैसे हैं साथ ही संबंधित की माली हालत की वास्तविकता के लिए वह अपने सहायकों की भी मदद लेते हैं। डॉ. विकास शहर में स्थित अपने क्लिनिक के अलावा गांव में संचालित क्लीनिक पर भी गरीब मरीजों को नि:शुल्क देखते हैं।

गरीबों की दुआओं से दूर होती विपदा व परेशानी

डॉ. विकास कहते हैं कि हम गरीब मरीजों को मुफ्त चिकित्सा सलाह देकर उन पर कोई एहसान नहीं करते बल्कि उनकी दुआ लेते हैं। उन पर आने वाली विपदाओं और परेशानियों के बीच दुआएं आड़े आ जाती हैं। वह कहते हैं कि जब तक जीवन है तब तक गरीब मरीजों का इलाज मुफ्त ही करेंगे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।