छठ पूजा के बाद ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए मारामारी चल रही है। 24 घंटे लाइन में लगने के बाद भी टिकट नहीं मिलने पर लोगों को दलाल से ही टिकट लेना पड़ रहा है। तत्काल टिकट के लिए दलाल लेटेस्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। वहीं आम लोगों को तत्काल टिकट मिलने की बात तो दूर IRCTC की साइट ही अनरीचबल हो जा रही है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। छठ पूजा (Chhath Puja 2024) के बाद घर से काम पर लौटने वालों की भीड़ से ट्रेनों में कंफर्म टिकट के लिए मारामारी चल रही है।
जंक्शन के रिजर्वेशन काउंटर के पास तत्काल टिकट के लिए वे रतजगा कर रहे हैं। इसके बावजूद कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। 24 घंटे लाइन में लगने के बाद भी टिकट नहीं मिलने पर उन्हें दलाल से ही टिकट लेना पड़ रहा है। यह इसलिए कि तत्काल सेवा पर दलालों का कब्जा है।
तत्काल टिकट के लिए वे लेटेस्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, आम लोगों को तत्काल टिकट मिलने की बात तो दूर इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (आईआरसीटीसी) की साइट ही 'अनरीचबल' हो जा रही है। इससे यात्री दलालों के चंगुल में फंस रहे हैं। दलाल दूरी और भीड़ के हिसाब से उनका दोहन कर रहे हैं। एक हजार रुपये से लेकर तीन-तीन हजार रुपये तक अधिक वसूल कर रहे हैं।
ये लोग ट्रेन के टिकट ही नहीं काट रहे, हवाई जहाज से दिल्ली, बेंगलुरू, कोलकाता के टिकट भी बेच रहे हैं। हवाई किराया महंगा होने का भरपूर फायदा उठाया जा रहा है।
बता दें कि पिछले साल पूर्व मध्य रेल में सोनपुर रेलमंडल सहित सभी रेलमंडलों में 500 से अधिक टिकट दलाल पकड़े गए थे। इस बार मार्च में रोक लगने के कारण मात्र सवा सौ ही पकड़े गए। इसमें सांसदों के लेटरपैड का स्तेमाल करने वाला भी पकड़ा गया था। उसके पास से पांच सौ सांसदों के लेटरपैड पैड जब्त किए गए थे। इनमें 200 लेटरपैड विशाखापतनम की आरपीएफ जब्त कर ले गई।
मुजफ्फरपुर के तत्कालीन आरपीएफ इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव ने 300 लेटरपैड जब्त किए। जांच में पता चला कि सभी लेटरपैड जालसाजी कर बनाए गए थे। इनमें गृहमंत्री से लेकर रेलमंत्री समेत देश के कई सांसदों के लेटरपैड का इस्तेमाल किया गया था।
पहले हर महीने पूर्व मध्य रेल को 250 से अधिक टिकट दलालों को पकड़ने के लिए आईआरसीटीसी दिल्ली से डाटा आता था। इस दौरान इन लोगों को आरपीएफ पूरे मंडलों में अभियान चलाकर पकड़ती थी, लेकिन आठ माह से हाईकोर्ट की रोक के बाद बाहरी टिकट दलालों की धरपकड़ बंद हैं।
आदेश में टिकट वेंडर को पकड़ने पर रोक है।
सबसे तेज नेक्सेस 2.0 सहित दस सॉफ्टवेयर का कर रहा इस्तेमाल
टिकट दलाल एक से बढ़कर एक तेज सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें करीब 10 सॉफ्टवेयर शामिल हैं। खूफिया सूत्रों के अनुसार, कोविड, बीटीएस, एएनएमएस, नशा, विनजीप, रेड मिर्ची, स्टार, गदर रेड बुल और सबसे तेज नेक्सेस 2.0 का इस्तेमाल कर रहे हैं।
दस करोड़ पर्सनल यूजर्स आईडी को किया जा चुका डिएक्टिवेट
पर्सनल आईडी से तत्काल टिकट काट काली कमाई करने वालों पर आईआरसीटीसी की पैनी नजर है। इसको लेकर अधिकारी अभी तक आईआरसीटीसी द्वारा दस करोड़ से अधिक पर्सनल यूजर्स आईडी को डिएक्टिवेट किया जा चुका है। आईआरसीटीसी के पीआरओ सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि पर्सनल यूजर्स आईडी से टिकट काटने वालों की हर दिन मॉनिटरिंग की जा रही है। उनको चिह्नित कर डिएक्टिवेट कर दिया जा रहा। एक बार डिएक्टिवेट हो जाने पर उसका इस्तेमाल दुबारा नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी का लोड भी काफी बढ़ाया गया है। 15 से 20 हजार हिट प्रति सेकंड सर्वर पर लोड आ रहा। इसकी क्षमता बढ़ाने का लगातार काम चल रहा, ताकि आम लोगों को आईआरसीटीसी के साइट से टिकट लेने में सहूलियत हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि आईआरसीटीसी के एजेंट को तत्काल के समय टिकट काटने का यह अधिकार ही नहीं दिया है। वे तत्काल के समय 15 मिनट बाद ही टिकट काट सकते हैं। उसके पहले उनका आईडी काम नहीं करेगा।
ये भी पढ़ें- झंझारपुर-लौकहा रेलखंड पर साढ़े 7 साल बाद दौड़ेगी सपनों की गाड़ी, मात्र 10 रुपये में 42 KM का सफरये भी पढ़ें- Bihar Trains Seat Availability: महापर्व छठ के बाद ट्रेनों में बढ़ी भीड़, कंफर्म टिकट दिसंबर तक नहीं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।