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मुजफ्फरपुर से लीची के बाद अब पौधों को देशभर में भेजने की चल रही तैयारी

मुजफ्फरपुर स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में विकसित हो रहे 50 हजार पौधे। हरियाणा जम्मू उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश से मांग अक्टूबर से भेजे जाएंगे पौधे। यदि पिछले सीजन की बात की जाए तो 40 हजार पौधे विभिन्न शहरों में भेजे गए थे।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Mon, 13 Jun 2022 11:12 AM (IST)
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जम्मू और मध्यप्रदेश के बैतूल व होशंगाबाद से भी सौ-सौ पौधों की मांग आई है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। देश के विभिन्न राज्यों में लीची भेजने के बाद अब इनके पौधों को भेजने की तैयारी है। इस बार हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में अक्टूबर से पौधे भेजे जाएंगे। मुशहरी स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र (एनआरएलसी) के लीची बैंक में 50 हजार पौधे तैयार किए जा रहे हैं। निदेशक डा. शेषधर पांडेय का कहना है कि देश के विभिन्न शहरों में लीची के बाग तैयार हो रहे हैं। पिछले सीजन में भी 40 हजार पौधे विभिन्न शहरों में भेजे गए थे।

नए बाग लगाने की तैयारी

निदेशक का कहना है कि लीची का मौसम समाप्त हो रहा है। अगली फसल के लिए पुराने बागों की देखभाल व नए की तैयारी में किसान जुटे हैं। इस वर्ष हरियाणा के पानीपत व करनाल से 1500 और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, सीतापुर, देवरिया व गोरखपुर से दो हजार पौधों की मांग है। जम्मू और मध्यप्रदेश के बैतूल व होशंगाबाद से भी सौ-सौ पौधों की मांग आई है।

बोचहां व औराई में आंधी-पानी से कई पड़े गिरे, आम फसल को क्षति

बोचहां, संस : प्रखंड में रविवार को आई आंधी में किसानों के साथ आम लोगों को भी भारी नुकसान हुआ। इस दौरान जहां कई पेड़ गिर गए। वहीं, दर्जन घरों की एस्बेस्टस की छत उड़ गई। साथ ही आम की फसल को नुकसान हुआ है। बिजली व्यवस्था भी चरमरा गई। प्रखंड के देवगन गांव निवासी भरत ठाकुर, तुर्की गांव निवासी बलदेव पासवान, शंभू पासवान, वकील राम, मोहम्मद तसलीम आदि के घरों की एस्बेस्टर की छत आंधी में उड़ गई। वहीं, लोहसरी गांव में दीवार गिरने से राकेश कुमार के पुत्र आदित्य कुमार घायल हो गए। सैकड़ों की संख्या में आम व लीची के पेड़ जड़ से उखड़ गए। पेड़ों के सड़क पर गिरने से आवागमन भी बाधित हो गया। आम की फसल को खासा नुकसान हुआ है। कई जगहों पर बिजली की पोल गिर गए। हालांकि देर शाम विद्युत आपूर्ति शुरू कर दी गई।

औराई : आंधी व बारिश में पटोरी गांव के बेचन राय के घर पर ठनका गिर गया। इससे घर मे आग लग गई। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। इधर बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध से कई झोपडिय़ों के छप्पर उड़ गए।

देश के कई विश्वविद्यालयों में भेजे जाएंगे पौधे

एनआरसीएल में विकसित लीची की तीन प्रजातियां गंडकी योगिता, गंडकी लालिमा और गंडकी संपदा देश के सात अन्य राज्यों के किसानों को उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है। अखिल भारतीय समन्वित फल अनुसंधान परियोजना के तहत इन प्रजातियों के 50-50 पौधे भेजे जाएंगे। इनमें बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, विधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय मोहनपुर, पश्चिम बंगाल, गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड, आरसीइआर रिसर्च सेंटर नामकूम रांची झारखंड, डा. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी आफ हार्टिकल्चर एंड फोरेस्ट्री सोलन, हिमाचल प्रदेश और सेंट्रल हार्टिकल्चरल एक्सपेरिमेंट स्टेशन, चेट्टाली, कर्नाटक शामिल हैं।