Bihar Politics: ... तो इस वजह से कट गया मुजफ्फरपुर से अजय निषाद का टिकट, नए उम्मीदवार से BJP को क्या होगा फायदा?
Bihar Politics मुजफ्फरपुर सीट से अजय निषाद का टिकट कट गया है। उनकी जगह पर भाजपा ने डॉ. राज भूषण चौधरी को मुजफ्फरपुर से उम्मीदवार बनाया है। पार्टी के इस नए चेहरे को मैदान में उतारने का निर्णय थोड़ा अप्रत्याशित जरूर हो सकता है मगर वर्तमान सांसद का टिकट कटने का अंदेशा पहले से था। यह इसलिए कि भाजपा के आंतरिक सर्वे में उनका बेहतर फीडबैक नहीं आया था।
प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। उत्तर बिहार की एकमात्र सीट मुजफ्फरपुर से भाजपा ने वर्तमान सांसद अजय निषाद का टिकट काटा है।रविवार शाम को जारी सूची में लगातार दो बार सांसद रहे अजय निषाद की जगह डॉ. राज भूषण चौधरी को पार्टी ने मुजफ्फरपुर से उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा ने पिछले चुनाव में अजय निषाद से ही चार लाख से अधिक वोटों से पराजित होने वाले वीआइपी उम्मीदवार रहे डा. राज भूषण पर भरोसा जताया है।
पार्टी के इस नए चेहरे को मैदान में उतारने का निर्णय थोड़ा अप्रत्याशित जरूर हो सकता है, मगर वर्तमान सांसद का टिकट कटने का अंदेशा पहले से था। यह इसलिए कि भाजपा के आंतरिक सर्वे में उनका बेहतर फीडबैक नहीं आया था।
पिता कैप्टन जय नारायण निषाद की विरासत को आगे बढ़ाते हुए पहली बार वर्ष 2014 में कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह को लगभग दो लाख 23 हजार एवं 2019 में राज भूषण चौधरी को 4.10 लाख वोट से हराने वाले अजय निषाद से संसदीय क्षेत्र की जनता की नाराजगी की रिपोर्ट पार्टी के प्रदेश से लेकर शीर्ष नेतृत्व के पास थी।
यह बात पार्टी के कार्यकर्ता भी दबी जुबान से स्वीकार करते हैं। कैप्टन निषाद वर्ष 1996, 1998 एवं 1999 में लगातार तीन बार राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए सांसद बने। 2004 में जदयू उम्मीदवार जार्ज फर्नांडीस को मौका मिला, मगर पांच साल बाद फिर कैप्टन ने बहुकोणीय संघर्ष में बाजी मारी।
संसदीय क्षेत्र में कोई बड़ी योजना नहीं आई
फर्नांडीस अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। इसके बाद से यह सीट इसी परिवार के पास रही। इन 15 वर्षों में मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र में हुए काम की तुलना जनता पास के दरभंगा से करते रहे। वहीं, जार्ज फर्नांडीस के काम की तुलना भी की जाती रही। यहां वह कमजोर पड़ गए।
संसदीय क्षेत्र में कोई बड़ी योजना तो नहीं आई, मगर इस दौरान भारत वैगन और आइडीपीएल जैसी दो बड़ी यूनिटें यहां बंद हो गईं। पताही से विमान उड़ने का सीधा मामला मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से नहीं जुड़ा है, मगर यह सेवा शुरू नहीं हो पाने का दर्द यहां की जनता को भी है।रिंग रोड का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार के स्तर से लटक गया। यह कुछ ऐसी चीजें रहीं जिससे यहां की जनता का बेहतर फीडबैक नहीं रहा।
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