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Auto tipper purchase scam: आपूर्तिकर्ता ने ऑटो टिपर मुक्त करने को कोर्ट में दी अर्जी, 10 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

Auto tipper purchase scam ऑटो टिपर खरीद घोटला मामले में कोर्ट ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से मांगी रिपोर्ट। चार्जशीट के संज्ञान के बिन्दु पर सुनवाई से पहले पक्ष सुनने की अर्जी 10 नवंबर को होगी अगली सुनवाई ।

By Murari KumarEdited By: Updated: Mon, 28 Sep 2020 10:14 PM (IST)
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(प्रतीकात्मक तस्वीर) ऑटो टिपर खरीद घोटला मामला
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर निगम के ऑटो टिपर खरीद घोटाला के आरोपित व ऑटो टिपर आपूर्ति करने वाली एजेंसी मौर्या मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, पटना के प्रोपराइटर मोहन एच. सिंगला ने विशेष न्यायालय निगरानी में सोमवार को अर्जी दाखिल की है। इसमें उसने निगम को आपूर्ति किए गए 50 टिपर को मुक्त करने की प्रार्थना की है। कहा है कि नगर निगम टिपर को रखना नहीं चाहता है। उन्होंने भी टिपर के बदले प्राप्त रुपये लौटा दिए हैं। नगर निगम प्रशासन ऑटो लौटाने को लेकर कोर्ट का आदेश मांग रहा है। विशेष कोर्ट ने उसकी अर्जी पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से रिपोर्ट मांगी है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 10 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। 

 निगरानी अन्वेषण ब्यूरों से मांगा गया था अनापत्ति प्रमाणपत्र

ऑटो टिपर आपूर्ति करने वाली एजेंसी की ओर से नगर निगम पर लगातार ऑटो टिपर लौटाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। एजेंसी की ओर से इस संबंध में नगर निगम से आदेश की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए पिछले दिनों नगर आयुक्त ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से इस संबंध में अनापत्ति प्रमाणपत्र की मांग की थी। 

चार्जशीट पर संज्ञान के बिन्दु की सुनवाई पर पक्ष रखने की अनुमति की प्रार्थना

ऑटो टिपर खरीद घोटाला में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो मेयर सुरेश कुमार, बर्खास्त जूनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार व भरतलाल चौधरी के खिलाफ विशेष न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर चुका है। इसके संज्ञान के ङ्क्षबदु पर सुनवाई चल रही है। आरोपित भरतलाल चौधरी की ओर से एक अर्जी दाखिल की गई है। इसमें उनका पक्ष सुनकर संज्ञान के बिन्दु पर सुनवाई करने की प्रार्थना की गई है। 

ये है मामला

2017 में नगर निगम की सशक्त स्थाई समिति ने शहर की सफाई के लिए 50 ऑटो टिपर खरीदने का निर्णय लिया था। इसके आलोक में ऑटो टिपर खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित की गई। इसमें कम कीमत की निविदा देने वाले के बदले ज्यादा कीमत वाली एजेंसी से खरीद की गई। इसके अलावा कई वित्तीय अनियमितता भी बरती गईं। आपूर्ति आदेश से बाहर किए गए तिरहुत ऑटोमोबाइल के प्रोपराइटर संजय कुमार गोयनका की शिकायत पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जांच की। प्रथम ²ष्टया मामला सत्य पाए जाने के बाद निगरानी थाना में मेयर सहित दस के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। 

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