ट्रेनों में चेन पुलिंग की तो चरित्र प्रमाण पत्र पर बैड इंट्री
नौकरी पाने और पासपोर्ट बनवाने की संभावना भी हो जाएगी खत्म। चेन पुलिंग की ज्यादातर घटनाओं में छात्रों का रहता हाथ। रोकथाम के लिए आरपीएफ ने छात्र-छात्राओं से किया संवाद।
समस्तीपुर, जेएनएन। सुपरफास्ट ट्रेनों में चेन पुङ्क्षलग की घटनाओं की रोकथाम के लिए रेलवे ने कड़ा निर्णय लिया है। रिपोर्ट है कि इस तरह की ज्यादातर घटनाओं को छात्र ही अंजाम देते हैं। इसलिए हिदायत जारी की गई है। अब चेन खींचकर ट्रेन रोकी तो जेल जाना होगा। साथ ही चरित्र प्रमाण पत्र पर रेड इंट्री होगी। नौकरी पाने और पासपोर्ट बनाने की संभावना भी खत्म हो जाएगी।
छात्रों से किया संवाद
चेन पुलिंग रोकने के लिए मंडल सुरक्षा आयुक्त अंशुमान त्रिपाठी ने कोङ्क्षचग संस्थानों के छात्र-छात्राओं से संवाद किया। पहले तो बेवजह चेन पुङ्क्षलग करने से होने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी दी। फिर चेन पुङ्क्षलग नहीं करने की अपील की। कहा कि चेन पुङ्क्षलग कर ट्रेन रोकने वालों को जेल जाना होगा। साथ ही सरकारी नौकरी और पासपोर्ट हासिल करने में भी मुश्किल होगी। ऐसे लोगों का नाम, पता और पूरी जानकारी आरपीएफ संबंधित थाने को मुहैया कराने की पहल कर रही है।
हादसे की बनी रहती आशंका
पटरी पर दौड़ती ट्रेनों के पहिए कई बार स्टेशन आने से पहले ही ठहर जाते हैं। ऐसा कोच में लगी जंजीर को शरारती यात्री द्वारा खींचने से होता है। इससे न सिर्फ ट्रेन की गति प्रभावित होती है, बल्कि हादसे की आशंका बनी रहती है। रेल प्रशासन को रिपोर्ट मिली है कि ज्यादातर घटनाएं छात्र ही करते हैं। आरपीएफ पोस्ट कमांडर को छात्रों के मामले में एफआइआर की कॉपी संबंधित जिले के एसपी, थाना प्रभारी और कॉलेज को भेजने का निर्देश मिला है। इससे नौकरी के समय पुलिस वेरीफिकेशन में बैड इंट्री दर्ज होगी।
रेलवे को राजस्व का नुकसान
चेन पुङ्क्षलग से रेलवे को राजस्व का नुकसान होता है। साथ ही यात्रियों परेशानी होती है। ट्रेनें विलंब से चलती हैं। रेलवे एक्ट में अब तक चेन पुङ्क्षलग करने वालों पर 500 रुपये तक जुर्माना अथवा तीन महीने की सजा या फिर दोनों था। लेकिन, चेन पुङ्क्षलग में कमी नहीं आ रही थी। इसलिए रेलवे ने सख्त नया निर्णय लिया है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप