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बालिका गृह प्रकरण : राजदार से अधिक बड़ी प्लानर निकली मधु

सीबीआइ की छापेमारी में अकेले गिरफ्तार होने से बचना चाह रही थी मधु, छह माह कहां रही पता नहीं लगा सकी पुलिस व सीबीआइ।

By Ajit KumarEdited By: Updated: Wed, 21 Nov 2018 03:07 PM (IST)
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बालिका गृह प्रकरण : राजदार से अधिक बड़ी प्लानर निकली मधु

मुजफ्फरपुर, जेएनएन । बालिका गृह यौन हिंसा मामले की जितनी बड़ी राजदार मधु बताई जा रही है, उससे कहीं अधिक वह प्लानर निकली। बेहद चालाकी से उसने सीबीआइ के समक्ष आने का प्लान तैयार कर उसे अमलीजामा पहनाया। मामला सामने आने के बाद वह लगभग छह माह तक फरार रही। इस दौरान वह किस गुप्त स्थान पर छुपी रही, इसकी भनक तक न तो पुलिस व न ही सीबीआइ को लगी। वह जिले में ही रहकर मंगलवार को दिन में कचहरी परिसर पहुंची और घंटों रुकी रही, लेकिन इसकी जानकारी तब हुई जब मधु ने स्वयं इसकी सूचना सीबीआइ को दी। 

सार्वजनिक तौर पर सीबीआइ की गिरफ्त में जाने में सफल रही

वह अपने पीछे पड़ी सीबीआइ के सीधे हाथों पडऩे से बचना चाह रही थी। उसकी मंशा थी कि वह सार्वजनिक तौर पर उनके समक्ष आए। उसने सीबीआइ को सूचना देने से पहले मीडियाकर्मियों को सूचना दे दी थी। इसके पीछे उसकी रणनीति यह रही कि सीबीआइ उसे गलत तरीके से लंबे समय तक हिरासत में न रखे और उसके पास से आपत्तिजनक सामान या कागजात की बरामदगी न दिखा दे।

   इसमें वह पूरी तरह सफल रही। उसके अधिवक्ता प्रियरंजन अनु भी कहते हैं कि सीबीआइ उसे ढूंढ़ रही थी तो वह लोगों की मौजूदगी में सामने आ गई, ताकि सब देखे कि उसके पास से कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है। 

पुलिस व सीबीआइ को छकाया

पहले पुलिस व बाद में सीबीआइ उसे उसके घर व रिश्तेदारों के यहां तलाश करती रही। दिल्ली में बैंक से रुपये निकासी के बाद उसकी खोज दिल्ली में भी की गई। उसके नेपाल के लिंक की भी तलाशी की गई, लेकिन हर बार वह पकड़ से बाहर रही। 

बालिका गृह की लड़कियों को नशे की सूई देता था अश्विनी

बालिका गृह की लड़कियों को नशे की सूई देने का आरोपित अश्विनी कुमार को सीबीआइ ने फकुली ओपी पुलिस के सहयोग से मंगलवार की शाम गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी फकुली ओपी के फतेहपुर स्थित ससुराल से की गई है। उसके चिकित्सक पिता ने बताया कि वह गिरफ्तारी के भय से अपने ससुराल में छुपा हुआ था।

ब्रजेश के बैंक का काम व बालिका गृह में कंपाउंडर के रूप में करता था काम

अश्विनी वैसे तो ब्रजेश ठाकुर के बैंक का काम देखता था। लेकिन उसने अपने पिता (ग्रामीण चिकित्सक)से सूई देने का ज्ञान लिया था, इसी का फायदा ब्रजेश उठाता था। अश्विनी का राज सीबीआइ की गिरफ्त में आए नौकरों ने पूछताछ के दौरान खोला था। उसी ने बताया था कि लड़कियों की नशे की सूई व दवा देने वाला और कोई नहीं, बल्कि अश्विनी ही है। बालिका गृह की पीडि़त लड़कियों ने भी अपने बयान में नशे की सूई व दवा देकर बेहोश करने की बात कही थी। इसमें यहां तक कहा गया था कि रात में उसे जबरन सूई या दवा दी जाती थी और सुबह में जब नींद खुलती थी तो...।

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