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Bihar News: अनजान से लिफ्ट लेते समय रहें सावधान! मुजफ्फरपुर में गाड़ी बैठाकर बदमाशों ने लूटे 82 हजार रुपये

दरभंगा जाने के लिए लिफ्ट देने के बहाने चारपहिया में बैठाकर एक व्यक्ति से लुटेरों ने 82 हजार रुपये लूट लिए। घटना दरभंगा के सिंहवाड़ा के रामाकांत मंडल के साथ घटी। वे ट्रेन से रविवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन उतरे। यहां से ऑटो पकड़कर बैरिया पहुंचे। यहां से उन्हें दरभंगा जाना था। इसी बीच लुटेरे चारपाहिया से आए लिफ्ट देने की बात कहकर उन्हें अपने साथ बैठा लिया।

By babul deep Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 25 Apr 2024 04:47 PM (IST)
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मुजफ्फरपुर में लिफ्ट देने के बहाने 82 हजार रुपये की लूट। (सांकेतिक फोटो)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दरभंगा जाने के लिए लिफ्ट देने की बात बोलकर चारपहिया में बैठा लिया। फिर रास्ते में मारपीट और लूटपाट करने के बाद मोतीपुर फोरलेन पर उतार दिया। घटना दरभंगा के सिंहवाड़ा के रामाकांत मंडल के साथ घटी।

रामाकांत मंडल नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस से रविवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन पर उतरे। वहां से ऑटो पकड़कर बैरिया पहुंचे। उन्हें दरभंगा जाना था। इसी दौरान चारपहिया लेकर एक व्यक्ति पास में आया। उसपर प्रेस लिखा था।

चालक ने पूछताछ करने बाद कहा कि उसे भी दरभंगा जाना है। यह कहकर उन्हें बैठा लिया।   कुछ दूर आगे जाते ही तीन और युवक आकर बैठ गए। तभी उन्हें लगा कि यह रास्ता दरभंगा नहीं जाता है।

उन्होंने आपत्ति जताई तो तीनों बदमाशों ने उनके साथ मारपीट करते हुए पास से 82 हजार रुपये लूट लिए। फिर उन्हें उतार दिया। वे किसी तरह वहां से बैरिया पहुंचे। फिर अहियापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगालकर वाहन के नंबर का पता किया जा रहा है। इसी से बदमाशों का सुराग मिलने की बात कही गई है।

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अपहरण के 10 साल पुराने मामले में सीतामढ़ी एसपी को निर्देश

सीतामढ़ी थाना क्षेत्र से करीब 10 साल पूर्व हुए नाबालिग के अपहरण के मामले में अपहृता के बरामदगी के बाद तिरहुत रेंज के आइजी शिवदीप वामनराव लाण्डे ने सीतामढ़ी के एसपी को नए सिरे से जांच कर अग्रतर कार्रवाई का निर्देश दिया है।

विदित हो कि 2014 में अपहृत नाबालिग को शादी की नीयत से अपहरण कर लिया गया था। मामले में नामजद तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन अपहृता की बरामदगी नहीं हो सकी थी।

इस बीच केस दर्ज कराए जाने के सात वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी जब अपहृता का कोई पता नहीं चला तो पुलिस ने मृत मानते हुए हत्या की धारा जोड़ते हुए तीनों आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था।

इसके कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से अपहृता को बरामद कर कोर्ट में उसका बयान दर्ज कराया था। मामला संज्ञान में आने व अपहृता के जीवित मिलने जैसे तथ्य आने के बाद अग्रतर जांच प्रारंभ करने का सीतामढ़ी एसपी को आइजी ने निर्देश दिया है।

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