B.Ed Joint Entrance Exam में जनरल साइंस सबसे टफ तो हिंदी रही आसान, छात्रों को गर्मी ने भी किया परेशान
सोमवार को मुजफ्फरपुर जिले में बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन हुआ। इस परीक्षा में जिले के 91.10 प्रतिशत परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षार्थियों ने बताया कि प्रवेश परीक्षा में सबसे मुश्किल सवाल जनरल साइंस से आए थे। वहीं हिंदी के अधिकतर सवाल आसान थे। परीक्षार्थियों को सवाल से ज्यादा गर्मी ने भी परेशान किया। परीक्षा हॉल में पंखा ही नहीं चल रहा था।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। दो वर्षीय बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा सोमवार को जिले के 41 केंद्रों पर हुई। सवालों से अधिक गर्मी व उमस से परीक्षार्थी परेशान रहे। गर्मी के कारण कई केंद्रों पर छात्राएं बेहोश हो गईं। प्रश्नों का उत्तर लिखने में भी परीक्षार्थियों को परेशानी हो रही थी।
जिले में 91.10 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। विश्वविद्यालय सोशल साइंस ब्लॉक से परीक्षा देकर निकलीं छात्रा चंदा कुमारी ने बताया कि सवालों का स्तर ठीक-ठाक था। जीएस से सबसे टफ सवाल पूछे गए थे। वहीं, हिंदी में पूछे गए प्रश्न सबसे आसान रहे।
'सवालों से ज्यादा गर्मी ने किया परेशान'
छात्रा प्रियंका कुमारी ने बताया कि परीक्षा में कुल 120 अंकों के सवाल पूछे गए थे। इसमें शिक्षण शास्त्र से जुड़े सवालों को हल करने में परेशानी हुई। कहा कि सवालों से ज्यादा गर्मी के कारण परेशानी हुई। बताया कि सुबह 8:30 बजे ही प्रवेश शुरू हो गया था। 10:30 बजे तक प्रवेश दिया गया। दो प्रति एडमिट कार्ड के साथ आधार कार्ड भी लाना जरूरी था।नोडल विश्वविद्यालय के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा ने इस परीक्षा को संपन्न कराया। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने लगातार पांचवीं बार सीईटी-बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराई है। जिले में राजभवन से आए विशेष पर्यवेक्षक दिवाकर चटर्जी ने कई केंद्रों का निरीक्षण किया।राज्य नोडल अधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता ने बताया कि बिहार के 11 शहरों में 341 परीक्षा केंद्रों बनाए गए थे। 167 परीक्षा केंद्र महिलाओं के लिए व 174 परीक्षा केंद्र पुरुषों के लिए बनाए गए थे। उन्होंने बताया कि परिणाम के बाद अब काउंसलिंग की व्यवस्था होगी।
पंखा नहीं चला, गर्मी में दी परीक्षा
विश्वविद्यालय सोशल साइंस ब्लॉक में परीक्षा देकर निकली छात्रा ने बताया कि भीषण गर्मी में उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंखा की व्यवस्था नहीं होने से गर्मी से बुरा हाल था। इससे सवालों का उत्तर लिखने में फोकस नहीं हो पा रहा था। दोबारा प्रवेश से रोका तो हंगामा परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर देर से पहुंचने वाले परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया। इससे हंगामा हुआ।
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