रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेनों में अवैध वेंडरों पर बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई मुजफ्फरपुर में ट्रेनों और प्लेटफॉर्मों की गई। इस दौरान 26 अवैध वेंडरों को गिरफ्तार किया गया। वहीं विभिन्न प्रकार के खाने-पीने का सामान भी बरामद किया गया है। दरअसल दैनिक जागरण की ओर से इसे लेकर खबरें प्रकाशित हुई थी जिसका रेलवे ने संज्ञान लिया।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। ट्रेनों में अवैध वेंडरों पर बुधवार को रेल प्रशासन ने कार्रवाई की। दैनिक जागरण में 26 जून को इस विषय पर खबर प्रकाशित होने के बाद रेलवे के पदाधिकारी ने संज्ञान लिया। सोनपुर मंडल के कमांडेंट अमिताभ कुमार के आदेश पर मुजफ्फरपुर सहित पूरे रेलमंडल में ट्रेनों और प्लेटफार्मों पर सधन जांच चलाई गई।
इस दौरान मुजफ्फरपुर से 26 अवैध वेंडरों को विभिन्न प्रकार के खाने-पीने वाले सामान के साथ गिरफ्तार किया गया। उन सबों को रेलवे कोर्ट भेज दिया गया। पकड़े गए वेंडरों के पास से जो खाने-पीने के सामान बरामद जब्त किए गए, उनकी जांच नहीं हो रही। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि जो ट्रेनों में घूम-घूम कर अवैध वेंडर खाने-पीने के सामान बेच रहे, उसमें शुद्धता कितनी है या बासी सामान बेच रहा।
अक्सर देखा जाता है कि बाजार का सबसे खराब खाद्य पदार्थ आदि की बिक्री ये अवैध वेंडर करते हैं। इन सबों के लिए भी अलग से धारा बनना चाहिए ताकि मानव जीवन से खिलवाड़ रोका जा सके।
वैध की आड़ में कई अवैध चल रहे
रेलवे स्टेशन में यात्रियों को खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेलवे द्वारा खान-पान के दर्जनों स्टाल ठेका पर दिए गए हैं। उसकी आड़ में कई अवैध वेंडर भी खाद्य सामग्री बिक्री करते नजर आ रहे हैं। वे लोग वैध वेंडरों के तर्ज पर कपड़े भी वैसे ही पहने रहते हैं, ताकि किसी पैसेंजर या रेल अधिकारी को शक नहीं हो। कटही पुल के समीप एक घर में समोसा और लिट्टी तैयार कर भेजा जाता है।
कौन वैध, कौन अवैध पहचानना होता मुश्किल
रेलवे स्टेशन में अधिकारियों द्वारा जब जांच की जाती है तो सभी वैध स्टाल वाले ड्रेस कोड आइकार्ड के साथ नजर आते हैं, लेकिन, उनके जाने के बाद फिर यह पता नहीं चलता कि कौन वैध और कौन अवैध हैं।
एसीएम टीसी ने स्टॉलों की जांच की
दैनिक जागरण में स्टॉलों पर बिक्री होने वाले खाने-पीने के समग्रियों की नहीं हो रही जांच संबंधित खबर छपने के बाद डीआरएम सोनपुर के आदेश पर जांच शुरू हो गई है। बुधवार के उनके आगमन पर एसीएम टीसी शैलेन्द्र कुमार अधिनस्त कर्मचारियों के साथ पहुंचे। कई स्टालों का रजिस्ट्रेशन, मेडिकल देखा।
डीआरएम के आगमन को लेकर सभी ड्रेस में नजर आए, लेकिन कितने स्टालों की जांच हुई, क्या-क्या गड़बड़ी हुई, इन सबों की जानकारी किसी को नहीं दी। खाने-पीने के कितने सामानों की जांच की गई। इसकी भी जानकारी नहीं दी गई।
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