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Muzaffarpur Pollution: मुजफ्फरपुर के AQI ने लोगों को डराया, खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

ठंड शुरू होते ही बिहार की हवा भी खतरनाक होती जा रही है। मुजफ्फरपुर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है एक्यूआई 301 से 327 तक पहुंच गया है। मिठनपुरा इलाके में प्रदूषण सबसे ज्यादा है जहां सांस लेने में परेशानी हो रही है। सीपीसीबी के आंकड़े के मुताबिक जिला स्कूल इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 381 और पीएम 10 का स्तर 458 रिकॉर्ड किया गया है।

By Prashant Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 19 Nov 2024 02:31 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में वायु की गुणवत्ता बिगड़ गई है। एक्यूआई 301 से बढ़कर 327 तक पहुंच गया है। इसके साथ ही हवा विषैली हो गई है। सबसे अधिक मिठनपुरा इलाके में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।

इन इलाकों में सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर सीपीसीबी की ओर से आंकड़ा जारी किया गया है। जिला स्कूल इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 381, पीएम 10 का स्तर 458, एनओ 2 का स्तर 78, कार्बन मोना आक्साइड का स्तर 130 रिकॉर्ड किया गया है।

वहीं, एमआइटी इलाके में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इस इलाके में एक्यूआई 246 पहुंचा है। यहां पीएम 2.5 का स्तर 319, पीएम 10 का स्तर 163, कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर 123 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं कलेक्ट्रेट इलाके में एक्यूआई 189 है। बताया जा रहा है कि धूलकण के कारण प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।

तापमान में आंशिक वृद्धि

मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार में ठंड का असर दिखना शुरू हो गया है। अभी सुबह और शाम इसका ज्यादा ही असर देखा जा रहा है। दूसरी ओर पिछले 24 घंटे में तापमान में आंशिक वृद्धि हुई है।

सोमवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 13.2 पर पहुंचा है। यह सामान्य से करीब 2 डिग्री कम है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान इसी के आसपास बना रहेगा। पछुआ हवा के चलने से ठंड में वृद्धि हुई है।

समस्तीपुर में भी हवा खराब

समस्तीपुर में प्रदूषण का स्तर बढ़कर 188 पर जा पहुंचा है। प्रदूषण से शहर की हवा भी खराब हो चुकी है। कचरा का निस्तारण खुले जगहों पर किया जा रहा। घरों के कचरे भी लोग खुले में फेंक रहे हैं। नगर निगम द्वारा भी कूड़े का उठाव कर उसका निस्तारण खुली जगहों पर किया जा रहा। लोग सड़क पर ही कूड़ा फेंक रहे हैं।

इसका उठाव या तो दोपहर को होता है या अगले दिन सुबह में किया जाता। तब तक पूरे शहर में इसकी बदबू फैलती रहती है। कई दफा उठाव के बाद कुछ कूड़ा एकत्र का उसमें आग लगा दी जाती है ताकि कूड़े का निस्तारण हो सके। इससे वातावरण में प्रदूषण फैलता है। नगर निगम भी इस समस्या को लेकर सजग नहीं।

प्रदूषण से निपटने को ठोस पहल नहीं हो रहे। खुले में कूड़ा फेंकने या जलाने पर जुर्माने की बात तो होती है, लेकिन आज तक जुर्माना नहीं लगाया गया।

कचरा के निस्तारण को कचरा पिट का निर्माण कराया गया लेकिन, उसकी क्षमता प्रत्येक दिन उठाव होने वाले कचरा से बेहद कम है। बताया गया कि कचरा पिट की क्षमता महज दस टन की है।

188 पर पहुंचा है एक्यूआई

प्रदूषण का स्तर शहर में 188 पर जा पहुंचा है। 14 नवंबर को यह आंकड़ा 236 पर था। बताया गया कि 100 से नीचे इसे संतोषजनक माना जाता है। सौ पार इसे खतरा माना जाता है। चार पांच सौ के बीच यह आंकड़ा बेहद खतरनाक माना जाता है।

एक्यूआई की स्थिति को देखे तो शहर की स्थिति पर्व के बाद अधिक खराब हो चुकी थी लेकिन, अब इसमें थोड़ी सी कमी आयी है। शहर में प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित करने को ले जिम्मेदार समुचित पहल नहीं कर रहे। 

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