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Bihar Bijli Smart Meter: स्मार्ट बिजली मीटर से 36 लाख रुपये का आया बिल, उपभोक्ता के उड़े होश

Bihar Bijli Smart Meter Bill मुजफ्फरपुर जिले में कटरा प्रखंड के मोहनपुर में एक बिजली उपभोक्‍ता को 36 लाख रुपये का बिजली बिल मिला है। यह घटना स्‍मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद हुई। उपभोक्‍ता ने बताया कि पहले उसकी बिजली खपत काफी कम रहती थी लेकिन स्‍मार्ट मीटर लगा तो जून में उसका बिल 36 लाख रुपये आ गया है।

By Dhirendra Kumar Sharma Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 23 Jun 2024 01:27 AM (IST)
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कटरा प्रखंड के मोहनपुर निवासी कामेश्वर साह को 36 लाख रुपये का बिल मिला है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

संवाद सहयोगी, कटरा। बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं की परेशानियां कम होती नहीं दिख रही हैं। कटरा प्रखंड के मोहनपुर निवासी कामेश्वर साह को 36 लाख रुपये का बिल मिला है। इतनी अ​धिक रा​शि केवल जून महीने की है।

उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के पहले प्रतिमाह 15 से 20 यूनिट बिजली की खपत होती थी और समय से उसका भुगतान करते रहे हैं, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद जून में 36 लाख 92 हजार 731 रुपये का बिल आ गया है।

सरकारी अनुदान की राशि 23 हजार समायोजित करने के बाद भी 15 लाख 43 हजार 731 रुपये जमा करने का नोटिस दिया गया है। इसके कारण उपभोक्ता काफी परेशान है।

उन्होंने बिजली बिल पर आपत्ति जताते हुए मुख्य अभियंता से जांच कराकर सुधार कराने की गुहार लगाई है। इधर, विद्युत अधिकारी ने बताया कि जांच कर बिल में सुधार किया जाएगा।

एनओसी मिलने से 5 हजार उपभोक्ताओं को राहत

मुजफ्फरपुर जिले में विगत पांच वर्षों से स्थायी विच्छेदन की बाट जोह रहे लोगों को भारी राहत मिली है। विद्युत अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश के आदेश पर स्थायी विच्छेदन के लिए आवेदन देने वाले लोगों को एनओसी मिलने लगी है।

आवेदन के आधार पर स्थायी विच्छेदन को सिस्टम से बंद कर उनको एनओसी दी जा रही है। विद्युत अधीक्षण अभियंता के आदेश पर प्रत्येक डिवीजन के सहायक विद्युत अभियंता ने अपने अधीनस्थ जेई को इसकी जिम्मेदारी सौंपी।

एक अनुमान के तौर पर जिले में करीब 30 हजार से अधिक उपभोक्ता कोरोना काल यानी वर्ष 2020 से ही परेशान थे। स्थायी विच्छेदन नहीं होने से उन्हें बार-बार बिजली बिल मिल रहा था।

मामले में सभी सहायक विद्युत अभियंताओं ने कनीय विद्युत अभियंता को यह कार्य शीघ्र पूरा कर उपभोक्ताओं की सूची बनाने और उन्हें एनओसी देने को कहा है। केवल कल्याणी प्रशाखा में डिस्कनेक्शन के करीब पांच हजार आवेदन लंबित थे। सभी को धीरे-धीरे एनओसी मिलनी शुरू हो गई है।

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