बोचहां में लालटेन जलाने के बाद अब लोकसभा-विधानसभा चुनाव में किसको वोट करेगा भूमिहार समाज, सम्मेलन से मुजफ्फरपुर लौटे नेताओं ने रखी अपनी बात
Bihar BJP crisis बिहार में भूमिहार समाज भाजपा का परंपरागत वोटर माना जाता रहा है लेकिन हाल में संपन्न बोचहां विधानसभा उपचुनाव के दौरान इस समाज की वर्तमान सरकार से नाराजगी खुलकर सामने आ गई। इसका परिणाम राजद की जीत के रूप में सामने आया।
मुजफ्फरपुर, जासं। कभी भाजपा के परंपरागत वोटर के रूप में अपनी पहचान रखने वाला भूमिहार समाज अभी वर्तमान एनडीए सरकार से नाराज चल रहा है। इस समाज के लोगों की शिकायत है कि उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। इससे यह समाज लगातार पिछड़ता चला जा रहा है। समाज के लोगों ने हाल में संपन्न बोचहां विधानसभा उपचुनाव में अपनी नाराजगी प्रकट की। यही वजह रही कि यह सीट एनडीए के खाते से निकल कर राजद के पास चली गई। वहीं दूसरी ओर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजद को एमवाइ के दायरे से निकाते हुए ए टू जेड की पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। एमएलसी चुनाव में इस समाज के कई प्रत्याशियों को टिकट भी बांटा। ऐसे में यह पूछा जा रहा है कि राजनीतिक रूप से भूमिहार समाज के लोग अब किस ओर जा रहे हैं? पटना में संपन्न भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट के प्रांतीय सम्मेलन से लौटे नेताओं ने इस बारे में अपनी बातें रखीं।
अभी कोई भी अछूत नहीं
राज्य के पूर्व मंत्री व इस फ्रंट के अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि सबसे पहले समाज है फिर कोई भी राजनीतिक दल। इस समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। सामाजिक उत्थान में इस समाज ने सबसे आगे आकर अपना योगदान किया है। इसलिए कोई भी जाति या धर्म अछूत नहीं है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में अगले लोकसभा चुनाव 2024 व बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उन्हीं राजनीतिक पार्टियों को सहयोग देने का निर्णय लिया गया, जहां इस समाज के लोगों काे सम्मान मिलेगा। इससे कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट रूप से किसी भी दल या गठबंधन का नाम नहीं लिया। कहा, फ्रंट की ओर से इस साल 25 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में महाकुंभ और अगले साल 24 दिसंबर को गांधी मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा।
बिहार केसरी को भारत रत्न की देने की मांग
वहीं, पूर्व मंत्री अजीत कुमार सिंह ने कहा कि सर्वसम्मति से बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न की देने की मांग की गई है। साथ ही गया केंद्रीय कारा का नामकरण स्वतंत्रता आंदोलन के शहीद स्व. बैकुंठ शुक्ला के नाम पर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। फ्रंट भूमिहार समाज के कमजोर लोगों को हरसंभव सहयोग करेगा। जिससे वे आगे बढ़ सकें।