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Bihar Teacher News: शिक्षकों के लिए नया फरमान, अब नए सत्र से इतने घंटे करना होगा काम; नियम-कायदों में बड़ा बदलाव

शिक्षकों व कर्मचारियों का कार्यभार निर्धारित कर दिया गया है। यूजीसी के आलोक में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमावली लागू की है। इसके अनुसार शिक्षकों के लिए प्रतिदिन कम से कम दो घंटे छात्रों को सलाह देने के लिए निर्धारित किए गए हैं। इसी तरह सामुदायिक विकास अन्य शैक्षणिक गतिविधियों परामर्श तथा अनुसंधान आदि के लिए समय तय किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 29 Feb 2024 04:13 PM (IST)
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शिक्षकों के लिए नया फरमान, अब नए सत्र से इतने घंटे करना होगा काम; नियम-कायदों में बड़ा बदलाव
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अब नए सत्र से कॉलेज शिक्षक व कर्मचारियों को पूरे सात घंटे रुकना होगा। यूजीसी ने कॉलेजों के नियम-कायदों में बड़ा बदलाव किया। इस नियम के लागू होने के बाद स्टूडेंट की समस्याएं काफी हद तक कम हो सकेंगी। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। नई व्यवस्था एक मार्च से लागू होगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्धारित मापदंडों के अनुसार, प्रशासनिक भवन, स्नातकोत्तर विभागों व महाविद्यालयों में शिक्षकों व कर्मियों को सात घंटे उपस्थिति अनिवार्य है। शिक्षक व कर्मचारी सुबह 10 से शाम पांच बजे तक रहेंगे। भोजनावकाश दोपहर 01.30 से दो बजे तक होगा।

महाविद्यालय प्रशासन आवश्यकतानुसार इसमें बदलाव कर सकता है, लेकिन कार्यावधि सात घंटे की ही होगी। काम की अवधि में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। समय सारणी के बदलाव की जानकारी महाविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय को देंगे।

शिक्षकों व कर्मियों का निर्धारित किया गया कार्यभार

इस नए नियम का सबसे ज्यादा असर कॉलेज शिक्षकों पर पड़ेगा। मालूम हो कि कॉलेज शिक्षक कम ही आते हैं। एक से दो क्लास कर लौट जाते हैं। कई बार तो क्लास भी नहीं लेते। सबसे अधिक खराब हाल कालेजों में पठन-पाठन का है। वहीं, सरकार इन शिक्षकों के वेतन मद में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। किसी भी शिक्षक का वेतन लाख के नीचे नहीं है। नए बदलाव से विश्वविद्यालयों व कालेजों में शिक्षकों को प्रतिदिन सात घंटे अनिवार्य रूप से बिताने होंगे।

शिक्षकों व कर्मचारियों का कार्यभार निर्धारित कर दिया गया है। यूजीसी के आलोक में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमावली लागू की है। इसके अनुसार, शिक्षकों के लिए प्रतिदिन कम से कम दो घंटे छात्रों को सलाह देने के लिए निर्धारित किए गए हैं। इसी तरह सामुदायिक विकास, अन्य शैक्षणिक गतिविधियों, परामर्श तथा अनुसंधान आदि के लिए समय तय किया गया है।

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