Bihar Crime: क्रिप्टो करेंसी में मुनाफा का झांसा देकर 19.50 करोड़ की ठगी, शातिर ने 25 सौ लोगों को लगाया चूना; ऐसे हुई गिरफ्तारी
क्रिप्टो करेंसी में मुनाफा का झांसा देकर 19.50 करोड़ की ठगी कर ली गई है। इसके आरोपित ब्रह्मपुरा थाने के सोडा गोदाम मोहल्ला निवासी शशिशंकर कुमार उर्फ विक्की को रांची साइबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। घर की तलाशी लेने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने में उपयोग किया जाने वाला इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त किया गया। अब पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। क्रिप्टो करेंसी में भारी मुनाफा का झांसा दे झारखंड के बोकारो के लगभग 25 सौ लोगों से 19.50 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। इसके आरोपित ब्रह्मपुरा थाने के सोडा गोदाम मोहल्ला निवासी शशिशंकर कुमार उर्फ विक्की को रांची साइबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
उसे गिरफ्तार करने के लिए रांची के साइबर थाने की पुलिस शुक्रवार रात ही ब्रह्मपुरा पहुंच गई थी। सुबह साढ़े पांच बजे ब्रह्मपुरा थाना पुलिस के सहयोग से उसके घर पर छापेमारी की। वह घर में सोया था। घर की तलाशी लेने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने में उपयोग किया जाने वाला इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त किया गया।
उसे ट्रांजिट रिमांड के लिए रांची पुलिस ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) पंकज कुमार लाल के कोर्ट में पेश किया। सीजेएम कोर्ट ने उसे रांची के कोर्ट में पेश करने के लिए 24 घंटे के ट्रांजिट रिमांड की अनुमति दे दी। इसके बाद रांची पुलिस उसे अपने साथ ले गई।
उसके विरुद्ध बोकारो जिला के चास थाना के तेलडीह निवासी राशन व्यवसायी संतोष कुमार ने झारखंड के सीआइडी के महानिदेशक को आवेदन दिया था। सीआइडी के महानिदेशक के आदेश पर पिछले साल नौ नवंबर को रांची साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष मो.आलम ने बताया कि रांची साइबर थाने की पुलिस ने छापेमारी कर विक्की को गिरफ्तार किया है। इस छापेमारी में ब्रह्मपुरा थाना पुलिस ने सहयोग किया। रांची साइबर थाने की पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर साथ ले गई।
चार साल पहले गुरुग्राम के ज्वेलर्स के यहां मिला था विक्की
संतोष कुमार ने बताया कि चार साल पहले सीतामढ़ी के नेटवर्किंग से जुड़े एक व्यक्ति के माध्यम से गोल्ड बांड व्यवसाय के लिए हरियाणा के गुरुग्राम के मैंडोलियन ज्वेलर्स प्राइवेट के संपर्क में आया। वहीं उसकी विक्की से मुलाकात हुई। उसने गोल्ड बांड व्यवसाय के बारे में जानकारी दी।
उसके साथ दो वर्षों तक गोल्ड बांड का व्यवसाय किया। विक्की ने कहा कि यह व्यवसाय ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। 2021 में विक्की उसके चास स्थित आवास पर आया। उसके साथ दिल्ली के जनकपुरी का अमित जायसवाल भी था। उसने उसे क्रिप्टो करेंसी व्यवसाय और लंदन आधारित ओरो- पे कंपनी की जानकारी दी।
बताया कि यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत कार्य करती है। उसने अमित को इस कंपनी का इंडिया का हेड बताया। उस समय उसके घर पर कई लोग मौजूद थे। उसने बताया कि इसमें निवेश किए गए रुपये पर 13 से 17 माह में 300 प्रतिशत मुनाफा हो सकता है। इसमें ट्रोन क्रिप्टो क्वायन के माध्यम से निवेश किया जाता है।
झांसा में आकर उसने बनाना शुरू किया चेन
यह व्यवसाय डीजीएफआइ के शेप में किया जाता है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। बेहतर लाभ के लिए उसने इसमें निवेश करने के इच्छुक लोगों का चेन बनाने की सलाह दी। उसके झांसा में आकर उसने चेन बनाना शुरू किया। उसके चेन में लगभग 25 सौ लोग जुड़ गए।
संतोष ने बताया कि उसने स्वयं लगभग 24 से 25 लाख तक निवेश किया। वहीं उसकी जानकारी वाली चेन से जुड़े लोगों का लगभग 19.50 करोड़ रुपये निवेश कराए गए। अन्य चेन से जुड़े लोगों की निवेश की गई राशि अरब तक पहुंच सकती है। एक साल तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा, इसके बाद पेमेंट रुक गया।
पिछले पांच-छह महीने से दोनों ने बातचीत करना बंद कर दिया। संतोष ने बताया कि दिल्ली के जनकपुरी निवासी अमित जायसवाल साफ्टवेयर इंजीनियर है। वह खुद को ओरो-पे कंपनी का इंडिया हेड बताता है। वहीं शशिशंकर कुमार उर्फ विक्की किसी का भी ब्रेनवाश करने का विशेषज्ञ है।
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