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Bihar: ऑर्गेनिक खेती कर जिंदगी संवार रहे मोटर साह, जैविक खाद के लिए लोगों के घरों से इकट्ठा करते हैं कचरा

एक साल पहले तक पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ स्थित बभनौली गांव के रहने वाले मोटर साह एक भूमिहीन मजदूर थे। पंजाब में 12 हजार महीने पर मजदूरी करते थे। बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजर-बसर हो पाता था। आज जैविक तरीके से सब्जी की खेती कर महीने में 50 हजार रुपये की आमदनी कर रहे हैं। अब उन्होंने पांच कट्ठा रेहन जमीन भी खरीद ली है।

By Prabhat MishraEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 11 Jul 2023 05:26 PM (IST)
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जैविक खाद से सब्जी की खेती कर जिंदगी संवार रहे पश्चिमी चंपारण के मोटर साव। जागरण फोटो

पंकज कुमार, मैनाटांड़ (पश्चिम चंपारण): एक साल पहले तक पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ स्थित बभनौली गांव के रहने वाले मोटर साह एक भूमिहीन मजदूर थे। पंजाब में 12 हजार महीने पर मजदूरी करते थे। बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजर-बसर हो पाता था। आज जैविक तरीके से सब्जी की खेती कर महीने में 50 हजार रुपये की आमदनी कर रहे हैं। अब उन्होंने पांच कट्ठा रेहन जमीन भी खरीद ली है।

जैविक खाद के लिए डोर टू डोर जाकर कचरा इकट्ठा करते हैं मोटर साह

जैविक खाद तैयार करने के लिए ये सुबह छह से आठ बजे तक गांव में डोर टू डोर जाकर कचरा इकट्ठा करते हैं। इसके बाद उस कचरे की छंटनी कर खाद के रूप में इस्तेमाल किए जानेवाले कचरे को अपनी खेत में डाल देते हैं। सिंचाई करने के लिए गांव से निकले नाले को इन्होंने अपने खेत तक पहुंचा दिया है।

नाले के पानी और कचरे की जैविक खाद से संवार रहे जिंदगी

नाले के पानी और कचरे से बनी जैविक खाद की वजह से बेहतर उत्पादन कर रहे हैं। ये मुख्य रूप से नेनुआ और लौकी उगाते हैं। रोजाना करीब एक सौ लौकी निकलती है। स्थानीय बाजार में 35 से 40 रुपये में एक लौकी की बिक्री हो जाती है। सब्जी की खेती में उनकी पत्नी छठिया देवी भी सहयोग करती हैं।

जैविक खाद से उपजाई जा रही सब्जी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। सब्जी उत्पादक को बढ़ावा दिया जाएगा। अन्य सब्जी उत्पादकों को भी मोटर साह से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

अवनीश कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी

खेत से ही सब्जियां खरीद लेते हैं खुदरा व्यापारी 

सब्जी उत्पादक मोटर साह बताते हैं कि साल में आठ माह सब्जियां निकलती हैं। खुदरा विक्रेता खेत से ही सब्जी खरीद लेते हैं। आस-पास के गांवों में मोटर द्वारा उपजाई गई उर्वरक मुक्त सब्जी की खूब मांग है। घरेलू उपयोग के लिए भी गांव के लोग खेत में आकर सब्जी खरीदते हैं।

क्या कहते हैं गांव के लोग

गांव के गणेश साह और जवाहिर पटेल ने बताया कि शादी विवाह या अन्य अवसर पड़ने पर हमें बाजार से सब्जी लाने की जरूरत नहीं होती है। गांव के मोटर साह से ही सब्जी खरीद लेते हैं। जैविक खाद से तैयार इनकी सब्जियां स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

मैनाटांड़ के उप मुखिया धनंजय कुमार ने बताया कि शादी विवाह या किसी धार्मिक अनुष्ठान में सब्जी के लिए मोटर साह से कद्दू खरीद कर ले जाते हैं। उन्हें बाजार की अपेक्षा सस्ते भाव में कद्दू मिल जाता है।